मुजफ्फरपुर में युवाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण देकर आर्थिक स्वावलंबन की राह दिखा रही यह समिति, युवाओं के लिए प्रशिक्षण फायदेमंद
मुजफ्फ़रपुर जिले के सकरी सरैया की हनुमान प्रसाद ग्रामीण विकास सेवा समिति ऐसे लोगों को आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखा रही है।
मुजफ्फरपुर, [गजाधर राणा]। कोरोना संक्रमण को लेकर लगे लॉकडाउन ने कइयों के रोजगार बंद कर दिए। व्यवसाय ठप होने से ऐसे लोगों के समक्ष परिवार चलाना मुश्किल हो गया। रोजी-रोटी के लिए किसी काम का प्रशिक्षण नहीं होना भी ऐसे लोगों के लिए समस्या बनकर सामने खड़ी हो रही है। लेकिन ऐसे हालात में कई संस्थाएं लोगों का स्वावलंबी बनने का गुर सिखा रही हैं। इन्हीें में एक है मुजफ्फ़रपुर जिले के सकरी सरैया की हनुमान प्रसाद ग्रामीण विकास सेवा समिति, जो लोगों को आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखा रही है।
रोजगार उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका
हनुमान प्रसाद ग्रामीण विकास सेवा समिति गरीब, बेसहारा, बेरोजगार युवकों एवं युवतियों को को रोजगार उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रही है। सेवा समिति के सचिव राम प्रवेश कुमार बताते हैं कि यहां बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन कार्यक्रम चल रहा है, जिसके तहत 15 से 35 वर्ष के युवक-युवतियों को तीन माह का प्रक्षिण दिलाकर स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। साथ ही प्रक्षिण के बाद उन्हेंं रोजगार उपलब्ध करा दिया जा रहा है।
तैयार किया जाता वर्मी कंपोस्ट डी कंपोजर
सकरी सरैया स्थित सेवा समिति के परिसर में खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए केमिकल फ्री वर्मी कंपोस्ट डी कंपोजर तैयार किया जाता है। डी कंपोजर से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। एक फसल में तीन बार इसका प्रयोग किया जाता है। इसका प्रशिक्षण देकर युवाओं को स्वरोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके बाद 25 हजार की पूंजी लगाकर युवा अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
फलों का रस निकालने का प्लांट
इसी तरह आम, लीची ,जामुन का रस (जूस) निकालने के लिए यहां पल्प प्लांट स्थापित किया गया है है। समिति के संचालक मोहन राय एवं रामप्रवेश कुमार बताते हैं कि सीजन में इस प्लांट में लगभग एक सौ मजदूर काम करते हैं। इस प्लांट से प्रति वर्ष लगभग तीन सौ टन फलों का रस निकाल कर बाहर भेजा जाता है।