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मुजफ्फरपुर में हाईवे पर लूटपाट करने वाला फर्जी डीएसपी का था लंबा नेटवर्क, जानइये कैसै देता था घटना को अंजाम

10 दिनों की जांच में पुलिस को मिले अहम सुराग गिरफ्तार कर जेल भेजे गए फर्जी डीएसपी ने कई लोगों को शामिल कर रखा था गिरोह में।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 02:42 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 08:55 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में हाईवे पर लूटपाट करने वाला फर्जी डीएसपी का था लंबा नेटवर्क, जानइये कैसै देता था घटना को अंजाम
मुजफ्फरपुर में हाईवे पर लूटपाट करने वाला फर्जी डीएसपी का था लंबा नेटवर्क, जानइये कैसै देता था घटना को अंजाम

मुजफ्फरपुर,[बाबुल दीप]। राष्ट्रीय राजमार्गों पर सक्रिय लुटेरों के नेटवर्क को ध्वस्त करने की पुलिसिया कवायद तेज हो गई है। 8 जनवरी को लुटेरा गिरोह के सरगना फर्जी डीएसपी समेत पांच को दबोचने के बाद पुलिस पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है। इसी के साथ जेल भेजे गए पांचों के खिलाफ अविलंब आरोप-पत्र समर्पित कर स्पीडी ट्रायल कराने की तैयारी चल रही है। करीब दस दिनों की जांच में यह बात सामने आई है कि सिनेमाई अंदाज में बदमाश वाहन चालकों को पुलिस बन लूटते थे। फिर जब पुलिस से बचना होता था तो किसी दल का नेता बता अधिकारियों को चकमा दे जाते थे।

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मुजफ्फरपुर के मनियारी से लेकर मोतिहारी तक फैले इस नेटवर्क में शामिल पांच के अलावा अन्य की पहचान कर ली गई है। तमाम साक्ष्य जुटा लिए गए हैैं। पुलिस जेल में बंद सभी के खिलाफ अविलंब जांच पूरी कर चार्जशीट करने की कवायद में है। बताते हैैं कि शेष बचे लोग भी जल्द सलाखों के पीछे होंगे।

गिरोह में मोतिहारी के बदमाश ज्यादा

बताया गया है कि गिरोह में मोतिहारी के ज्यादा बदमाश शामिल हैैं। 8 जनवरी को गिरफ्तार बदमाशों में पूर्वी चंपारण के छतौनी, खुदानगर निवासी मो. सैफ (फर्जी डीएसपी), मो. तबरेज कुरैशी, सिसवा अजगरी बंजरिया के इरशाद आलम, बाबू टोला बंजरिया के राजकिशोर सिंह और छतौनी के उज्जवल कुमार शामिल हैं।

गया में भी दर्ज है मामला

गिरफ्तार बदमाशों के पास से पटना नंबर की लग्जरी वाहन, लूटे गए 13 हजार रुपये, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पांच मोबाइल जब्त किया गया था। सभी सेलफोन का कॉल डिटेल्स लिया जा रहा है। पांचों के खिलाफ गया जिले के कोतवाली थाना के कदोवर तालाब के ट्रक चालक मोजाहिद खान ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।

शेरपुर में जबरन ऐंठे थे 50 हजार

गिरफ्तारी से एक माह पूर्व सदर थाना के शेरपुर में इन सभी ने मिलकर एक पिकअप वैन चालक को डरा धमका कर उससे 50 हजार रुपये ऐंठ लिए थे। इसका पता गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में लगा था। हालांकि इस मामले में पीडि़त चालक ने शिकायत नहीं दर्ज कराई थी।

पुलिस अधिकारियों से बढ़ाते थे पहचान

पुलिस छानबीन में पता चला है कि सभी काफी शातिर थे। एक फिल्म देखकर घटना को अंजाम देने का तरीका सीखा था। जिस इलाके को ये टारगेट करते थे। थानाध्यक्ष और वरीय पदाधिकारी से किसी दल का सदस्य बन मिलते थे। मवेशी तस्करी पर रोक लगाने की बात कहते थे। इससे अधिकारी भी उसके विश्वास में आ जाते थे। लेकिन, जब मवेशी लदे वाहन या अन्य पिकअप वैन को पकड़ते तो खुद को डीएसपी बताते थे और केस नहीं करने की बात बोलकर हजारों रुपये ऐंठ लेते थे।

मनियारी में थानाध्यक्ष से की बात

आठ जनवरी को सभी आरोपित मनियारी इलाके में घूम रहे थे। इनमें से एक ने थानाध्यक्ष से एक पार्टी का सदस्य बन बातचीत की थी। इसके बाद शेरपुर पहुंचे थे। फिर एक वरीय पदाधिकारी और स्थानीय थाना की पुलिस को कॉल किया था। इसी दौरान मवेशी लदे पिकअप वैन को पकड़ा और डील तय करने लगे। पांच लाख से शुरू होकर राशि 50 हजार तक पहुंच गई। लेकिन, जब वैन चालक ने इन्कार कर दिया तो उसे उतार दिया और अपने साथ दूसरे वाहन में बैठा लिया। पिकअप वैन लेकर दूसरे आरोपित वहां से निकले। ये सभी चालक के साथ मारपीट करते हुए मोतिहारी भागने लगे। तभी सदर पुलिस ने भगवानपुर से दबोच लिया।

इस बारे में मुजफ्फरपुर के नगर पुलिस उपाधीक्षक रामनरेश पासवान ने कहा कि मामले के जांचकर्ता को आवश्यक निर्देश दिए गए हैैं। यह गंभीर प्रकृति का अपराध है। समय रहते आरोप-पत्र दाखिल कर दोषियों को सजा दिलाई जाएगी। 


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