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दरभंगा जिले में एक बस स्टैंड ऐसा भी जहां सड़क किनारे खड़े होते यात्री वाहन

Darbhanga news 2014 में तत्कालीन कमिश्नर ने की थी बंदोबस्ती उसी पर आज तक चल रहा स्टैंड एसडीओ ने कहा- निविदा शर्तों का अध्ययन करने के बाद होगी मामले में कार्रवाई सरकारी स्टैंड होने के बाद भी मुख्य सड़क पर वाहनों को रोककर होती राजस्व की वसूली।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 03:19 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 03:19 PM (IST)
दरभंगा जिले में एक बस स्टैंड ऐसा भी जहां सड़क किनारे खड़े होते यात्री वाहन
दरभंगा ज‍िले के मझौड़ा में बस स्टैंड । फोटो-जागरण

मधुबनी (बेनीपुर), जासं। बेनीपुर अनुमंडल क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए मझौड़ा में बस स्टैंड है। इसकी बंदोबस्ती दरभंगा के तत्कालीन आयुक्त ने 2014 में सजनपुरा निवासी कुंदन कुमार सिंह के नाम की। ठीका प्रतिवर्ष 14 लाख 44 हजार 990 रुपया राजस्व के तौर सरकारी खजाने में जमा करने की शर्त पर दिया गया। शर्त यह भी थी कि निर्धारित राशि में प्रतिवर्ष पांच प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। 2014 के बाद दोबारा बंदोबस्ती नहीं की जा सकी। इन सबके बीच बस स्टैंड से यात्री वाहनों का परिचालन शुरू नहीं हो सका। नतीजतन यात्री सुविधाओं की बहाली की कौन कहे बस स्टैंड ठीक से आकार भी नहीं ले सका।

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प्रशासनिक कोशिशें भी नहीं ला सकी रंग

मझौड़ा बस स्टैंड की बंदोबस्ती करने के समय दरभंगा से कुशेश्वरस्थान व अन्य रूटों की सभी बसों को कम से कम 15 से 20 मिनट रुककर यात्रियों को सेवा देनी थी। यहां से विभिन्न रूटों के लिए बसों के परिचालन की बात कही गई थी। इस व्यवस्था के लागू नहीं होने के बाद ठेकेदार कुंदन ङ्क्षसह ने इस संबंध में बेनीपुर के कई तत्कालीन एसडीओ एवं डीएसपी को आवेदन देकर मझौड़ा बस स्टैंड में सभी बसों का ठहराव कराने की गुहार लगाई थी। पूर्व एसडीओ प्रदीप कुमार झा एवं डीएसपी उमेश्वर चौधरी ने दरभंगा - कुशेश्वरस्थान पथ पर चलनेवाली सभी बस मालिकों को अनुमंडल कार्यालय में बैठक बुलाकर मझौड़ा सरकारी बस स्टैंड से ही चलाने का निर्देश दिया था। ठेकेदार को निर्देश दिया था कि स्टैंड में बिजली, पानी, शौचालय व यात्रियों को ठहरने के लिए शेड सहित सभी तरह की सुविधा उपलब्ध कराएं।

स्टैंड खाली, मुख्य सड़क पर लगता जाम

भले ही सरकारी बस स्टैंड वीरान है, लेकिन ठेकेदार बस स्टैंड के सामने मुख्य पथ पर अपने लोगों से वसूली कराते हैं। ठेकेदार कहते हैं- सरकारी स्टैंड में बसों बसों ठहराव सुनिश्चित कराना प्रशासनिक पदाधिकारियों की जिम्मेदारी हैं। मुझे तो सरकारी राजस्व जमा करना होता है, सो वसूली कराना मजबूरी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क किनारे वाहनों के रूकने के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। इससे काफी परेशानी होती है।

-बस स्टैंड की बंदोबस्ती की शर्तों के तहत ठेकेदार को सुविधाएं देने की दिशा में काम किया जाएगा। बंदोबस्ती से संबंधित कागजातों का अध्ययन करने के बाद इस दिशा में हर हाल में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। -शंभूनाथ झा एसडीओ, बेनीपुर।


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