यहां के ग्रामीणों ने इस वजह से किसी भी तरह का भोज न करने और न ही उसमें शामिल होने का लिया फैसला
समस्तीपुर में कोरोना सुरक्षा मानकों की अनदेखी की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों ने किसी भी तरह का भोज नहीं करने का फैसला किया।
समस्तीपुर, जेएनएन। कोरोना ने न केवल स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया वरन सामाजिक ताने-बाने को भी बदल दिया है। जिन्होंने बदलाव नहीं किए वे इस दिशा में काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक बदलाव भोज के आयोजन को लेेकर किया गया है।
भोज में शामिल नहीं होने का निर्णय
समस्तीपुर जिला अंतर्गत विभूतिपुर प्रखंड में कोरोना महामारी को देखते हुए ग्रामीणों ने किसी भी तरह का भोज नहीं करने का फैसला किया है। यदि कोई भोज करता भी है तो वे इसमें शामिल नहीं होंगे। प्रखण्ड की खास टभका उत्तर पंचायत के डीह टभका गांव के लोगों ने यह फैसला लिया है। नरेश राय की माता बतसिया देवी का निधन विगत 22 मई को हुआ। उनका अंतिम संस्कार बेगूसराय जिला अन्तर्गत अयोध्या घाट मोक्षधाम गंगा तट पर नियमानुसार शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए किया गया। फिलहाल उनका श्राद्धकर्म वैदिक रीति के अनुसार किया जा रहा है।
कोरोना काल में नहीं होगा भोज
इस बीच परंपरा के अनुसार परिवार के लोगों के द्वारा भोज के लिए ग्रामीणों की बैठक बुलाई गई। जिसमें मेन्यू तय किया जाना था।लेकिन, ग्रामीणों ने एक स्वर से कहा कि कोरोना माहामारी का दौर चल रहा है। इसलिए विधि विधान से श्राद्धकर्म किया जाए। भोज का आयोज नहीं हो। यदि आयोजन होता भी है तो वे उसमें भाग नहीं लेंगे। उनका कहना था कि यह समय खुद एवं अपने परिवार, समाज को बचाने का है।
मानकों की अनदेखी की आशंका
भोज में काफी संख्या में लोग जुटते हैं। ऐसे मेें शारीरिक दूरी समेत अन्य सुरक्षा मानकों का पालन संभव हो पाता है। इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने यह भी फैसला लिया कि कोरोना काल तक गांव में किसी भी प्रकार का भोज नहीं होगा। मौके पर पूर्व मुखिया श्याम बिहारी राय, अशोक राय, जय प्रकाश राय, गिरीश राय, उमा राय, मोहन राय, विनोद राय, विजय राय, रंधीर कुमार राय, विशाल कुमार राय, ललित कुमार यादव, आदि थे।