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राज्य स्तरीय टीम ने चिकित्सकों को एक साथ बैठे देख किए ये सवाल

राज्यस्तरीय जांच टीम एसकेएमसीएच पहुंची। सदस्यों ने निरीक्षण कर यहां एमसीआइ के निरीक्षण से पूर्व कमियों को चिह्नित किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 01:30 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 01:30 PM (IST)
राज्य स्तरीय टीम ने चिकित्सकों को एक साथ बैठे देख किए ये सवाल
राज्य स्तरीय टीम ने चिकित्सकों को एक साथ बैठे देख किए ये सवाल

मुजफ्फरपुर। राज्यस्तरीय जांच टीम एसकेएमसीएच पहुंची। सदस्यों ने निरीक्षण कर यहां एमसीआइ के निरीक्षण से पूर्व कमियों को चिह्नित किया। साथ ही आवश्यक निर्देश भी दिए। औषधि विभागाध्यक्ष के साथ सभी चिकित्सकों को बैठे देख सदस्यों ने आश्चर्य जताया। एक साथ यहां बैठे होने का कारण पूछा। इस पर विभागाध्यक्ष ने बताया कि विभाग को दुरुस्त करने के लिए विचार विमर्श किया जा रहा था। टीम के सदस्यों ने कहा कि यह विचार विमर्श करने का उचित समय नही है।

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निरीक्षण के दौरान सदस्यों ने बताया कि संस्थान में सामान तो बहुत है, असली समस्या फैकल्टी को लेकर है। सरकार के पास इस बात को रखना चाहिए। यहां उपकरण व अत्याधुनिक मशीनें पर्याप्त होना बताया। टीम में अहमदाबाद के बायोकेमेस्ट्री विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज त्रिवेदी, पटना पीएमसीएच के मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिंह व एनाटोमी विभागाध्यक्ष डॉ. मुंद्रिका प्रसाद सुधांशु थे।

कहां किया निरीक्षण : एसकेएमसीएच में निरीक्षण को पहुंचे राज्यस्तरीय टीम के सदस्यों ने महाविद्यालय व अस्पताल के विभिन्न विभागों को गहराई से देखा। चिकित्सकों का किया भौतिक सत्यापन :

निरीक्षण के बाद सदस्यों ने प्राचार्य प्रकोष्ठ में बैठे चिकित्सकों का भौतिक सत्यापन किया। इस दौरान चिकित्सक शिक्षकों के बायोडाटा व घोषणा पत्र की जांच की। साथ ही विभागवार आधारभूत संरचना व उपकरण संबंधी जायजा लिया। इसके बाद प्राचार्य डॉ. विकास कुमार, अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. आइडी सिंह व अन्य चिकित्सकों के साथ बैठक कर विभिन्न मुद्दों पर विमर्श किया।

एमसीआइ के मापदंडों का किया अवलोकन :

यह निरीक्षण एमसीआइ के मापदंडो का अवलोकन करना बताया गया है। पूर्व में एमसीआइ के निरीक्षण में दर्शाई गई कमियों पर कितना काम हुआ, इसे देखा गया। इसमें अधिकतर कमियों को दूर किया जाना बताया गया। सदस्यों ने कहा कि हैंड की कमी सभी विभागों में है। निरीक्षण की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को सौंपी जाएगी। प्राचार्य ने बताया कि भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) के निरीक्षण से पूर्व सभी कमियों को दूर कर लिया जाएगा। यह टीम का दूसरी बार निरीक्षण था।


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