Move to Jagran APP

विवि को जून तक सेशन अप टू डेट करने की मोहलत, फिर भी खड़ा रहे ये हौवा

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का एकेडमिक सेशन अब अगले साल 30 जून तक नियमित होगा।तीन कुलपतियों की कमेटी की सिफारिश के बाद राजभवन ने यह आदेश दिया है।

By Edited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 02:00 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 04:13 PM (IST)
विवि को जून तक सेशन अप टू डेट करने की मोहलत, फिर भी खड़ा रहे ये हौवा
विवि को जून तक सेशन अप टू डेट करने की मोहलत, फिर भी खड़ा रहे ये हौवा
मुजफ्फरपुर(जेएनएन)। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का एकेडमिक सेशन अब अगले साल 30 जून तक अपटूडेट होगा। तीन कुलपतियों की कमेटी की सिफारिश के बाद राजभवन ने यह आदेश दिया है। कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा था कि सेमेस्टर सिस्टम में कम से कम तीन महीने की पढ़ाई आवश्यक है, मगर दिसंबर तक सेशन खत्म करने के चलते विद्यार्थियों को पढ़ाई का मौका नहीं मिल सकेगा। 
सेशन डेढ़ साल तक लेट
  राजभवन ने दिसंबर के बदले जून 2019 तक सेशन अपटूडेट करने की छूट दे रखी है। फिर भी विश्वविद्यालय राजभवन के पूर्व के आदेशों का हवाला देकर जल्दबाजी में विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा। कमेटी ने अपनी सिफारिश में साफ-साफ कह दिया था कि लनामिविवि व पटना विवि को छोड़ सभी विश्वविद्यालयों का सेशन डेढ़ साल तक विलंब चल रहा। ऐसे में दिसंबर 2018 तक अंडर ग्रेजुएशन का सेशन अगर नियमित हो भी गया तो पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स तीन महीने में संभव नहीं। राजभवन ने इससे पहले दिसंबर तक ही सभी बैकलॉग खत्म करने का आदेश दिया था। 
अपनी प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश 
 पीजी रसायन विभाग के अध्यक्ष डॉ. मिथिलेश कुमार ने यह मसला एकेडमिक काउंसिल की बैठक में उठाया भी, जिसपर सदन में मौजूद तमाम लोगों ने हामी भी भरी। बहरहाल, दिसंबर तक सेशन खत्म करने का हौवा खड़ा कर अपनी प्रतिष्ठा कायम करने की कोशिशों से विश्वविद्यालय शिक्षकों में जबरदस्त उबाल है। सेमेस्टर सिस्टम में 90 दिन क्लास जरूरी डॉ. मिथिलेश का कहना था कि 90 दिन मतलब तीन माह सेमेस्टर सिस्टम में क्लास चलनी चाहिए।
 पीजी रसायन विभाग में सेकेंड सेमेस्टर की एक अक्टूबर से क्लास चल रही। इन लोगों ने 31 दिसंबर के हिसाब से प्रोग्राम भेजा था तो विद्यार्थियों की पढ़ाई भी होनी चाहिए। अगर, एक महीने में परीक्षा होती तो पढ़ाई का हश्र सहज ही समझा जा सकता। अक्टूबर-नवंबर त्योहारी सीजन है इससे छुट्टियां भी रहेंगी तो क्लास कहां और कैसे हो सकेगी। यह बड़ा सवाल था। पीजी सेकेंड 2016-18 में तो करीब डेढ़ साल सेशन लेट है। अभी 2018-20 सेशन चलना चाहिए। ग्रेजुएशन का बिहार में सिर्फ मिथिला व पटना विवि को छोड़कर बाकी सारे विवि डेढ़ से दो साल विलंब हैं।
 15 दिसंबर तक चले सेकेंड सेमेस्टर की क्लास तमाम शिक्षकों का भी कहना है कि पीजी सेकेंड सेमेस्टर की 15 दिसंबर तक अगर क्लास होती है तो उसके बाद परीक्षा ले सकते। जनवरी प्रथम सप्ताह में उसका प्रैक्टिकल ले लीजिए। उसके बाद थर्ड सेमेस्टर की क्लास प्रारंभ हो जाए। अप्रैल में थर्ड सेमेस्टर खत्म करिए और जून होते-होते फोर्थ सेमेस्टर भी ले लीजिए। 2016-18 सेशन की थ्योरी क्लास दिसंबर 2017 में शुरू हुई थी। जिनकी परीक्षा अभी तक नहीं हुई। रसायन विभाग में ऐसे 20 लड़के हैं जो अपने कॅरियर का रोना रो रहे। इंटरनल असेसमेंट समय पर फिर भी लटकी परीक्षा विवि छात्रसंघ के अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू ने कहा कि दिसंबर 2017 से फ‌र्स्ट सेमेस्टर की कक्षा शुरू हुई और अप्रैल में सारे इंटरनल असेसमेंट भी खत्म हो चुके थे। मगर, विवि ने अपनी लापरवाही व मनमानी के कारण जुलाई में इनकी परीक्षा ली। क्यों ली जबकि अप्रैल में ही कोर्स खत्म हो चुका था? ये गलती यूनिविर्सिटी की ही है।
   विवि अपनी परीक्षा पद्धति व सिस्टम में पारदर्शिता नहीं ला पाती। सेशन लेट होने के लिए विभाग जिम्मेदार नहीं शिक्षकों का कहना है कि सेशन लेट होने को लेकर विभाग बिल्कुल जिम्मेदार नहीं है। विभाग तो अपना काम समय पर खत्म कर ही देता है, अगर नहीं करे तो लड़के ही हंगामा कर देंगे। दो-ढाई महीना अगर समय मिलता है, हमलोगों को पढ़ाने का तो इन लोगों का सिलेबस पूरा खत्म हो जाएगा। लेकिन, यूनिवर्सिटी अपनी नाकामी को छुपाने के लिए लड़कों को पढ़ाई की कीमत पर परीक्षा ले लेती है कि सेशन लेट है। जो सिस्टम यूनिवर्सिटी ने बनाया है, उसमें सेशन कभी भी रेग्युलर नहीं हो सकता।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.