परेशानी: शिक्षा ऋण के लिए छात्र काटते बैंकों का चक्कर, लोन देने में बैंक करते आनाकानी
लक्ष्य से कोसों दूर हैं बैंक, शिक्षा ऋण के मामले में पांच बैंकों की स्थिति शून्य, ऋण देने की गति काफी धीमी होने की वजह से सरकार ने राज्य वित्त निगम स्थापित कर दिया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। छात्रों के एजुकेशन लोन के प्रति बैंक गंभीर नहीं हैं। चक्कर काटने के बावजूद छात्रों को ऋण नहीं मिल पा रहा। छात्रों की समस्या को देखते हुए बैंक को लक्ष्य दिए गए हैं। बावजूद शिक्षा ऋण के मामले में बैंक आनाकानी करते हैं। जिले के पांच बैंकों की स्थिति शून्य है। प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन ओवरसीज बैंक, आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा, कॉरपोरेशन बैंक, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का लक्ष्य शून्य है। एचडीएफसी बैंक को छोड़ अन्य निजी बैंक की भी उपलब्धि शून्य है। बैंक अधिकारी तो शिक्षा ऋण के मामले में टाल-मटोल करते हैं।
राज्य वित्त निगम से मिल रहा बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत छात्रों को बैंक के माध्यम से ऋण दिया जा रहा था। ऋण देने की गति काफी धीमी होने की वजह से सरकार ने राज्य वित्त निगम स्थापित कर दिया। अब छात्रों को राज्य वित्त निगम से ऋण मिल रहा है। राज्य वित्त निगम के अंतर्गत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना आने के बाद लाभान्वित छात्रों की संख्या में वृद्धि हो गई। पिछले दिनों बैंकों की समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से शिक्षा ऋण के लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहे।
स्कूली बच्चों के लिए कई योजनाएं
सरकारी स्कूलों में पढऩेवाले बच्चों के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। बैंकों की लापरवाही से बच्चों के खाते में समय पर राशि नहीं पहुंच रही। क्योंकि सभी योजनाओं की राशि बच्चों के खाते में दिए जाने का प्रावधान है। बच्चों के लिए पोशाक, छात्रवृत्ति, साइकिल दी जा रही। वहीं, प्रथम श्रेणी से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण होनेवाले छात्र-छात्राओं को 10 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा इंटर पास करनेवाली छात्राओं को 10 हजार रुपये दिए जाते हैं।
बैंकों के नाम -प्राप्त लक्ष्य
बैंक ऑफ इंडिया -9.84
बैंक ऑफ बड़ौदा -14.79
यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया -3.92
यूको बैंक-2.50
विजया बैंक -10