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सिस्टम शर्मसार : समस्तीपुर में लावारिस लाश के अंतिम संस्कार में खेल, पुलिस कर्मी व पोस्टमार्टम कर्मी के बीच सौदेबाजी का वीडियो वायरल

बिहार के समस्तीपुर में शव का दाह संस्कार करने के नाम पर सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम कर्मी ने मांगे पांच हजार दाह संस्कार में लकड़ी खरीदने के नाम पर वसूल होता रुपया बाद में शव को गड्ढ़ा खोदकर किया जाता दफन

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 03:44 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 03:44 PM (IST)
सिस्टम शर्मसार : समस्तीपुर में लावारिस लाश के अंतिम संस्कार में खेल, पुलिस कर्मी व पोस्टमार्टम कर्मी के बीच सौदेबाजी का वीडियो वायरल
समस्‍तीपुर में पोस्टमार्टम कर्मी ने मांगा पांच हजार। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

समस्तीपुर,जासं। शव के अंतिम संस्कार को लेकर सिस्टम की संवेदनाएं दिन-ब-दिन खत्म हो जा रही हैं। लावारिस शव के दाह संस्कार के नाम पर लंबे समय से खेल चल रहा है। इस बार पुलिस कर्मी व पोस्टमार्टम कर्मी के बीच सौदेबाजी का वीडियो वायरल हुआ है। यह पूरा वाकया मानवता को शर्मसार करने वाला है। इसमें पोस्टमार्टम कर्मी से अज्ञात शव के दाह संस्कार करने में सौदा किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अज्ञात शव का दाह संस्कार के बदले उसे दफनाया जाता है। इसके नाम पर ली गई राशि का बंदरबाट होता है। इसके लिए पुलिस भी जिम्मेवार है।

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लाश के अंतिम संस्कार के समय वह वहां पर मौजूद भी नहीं रहती है। विदित हो कि मुसरीघरारी थाना के समीप 5 मई को धनेश्वर साह के मकान में संदिग्ध स्थिति में युवक का शव मिला था। उसकी पहचान नहीं होने के बाद उसका पुलिस ने सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद शव को पहचान के लिए सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम भवन में ही रखा गया। तीन दिन की अवधि समाप्त होने के बाद कर्मी ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। इस दरम्यान शव से दुर्गंध फैलने लगी थी। जिस पर मुसरीघरारी थाना के पुलिस कर्मी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कर्मी को दाह संस्कार के लिए दो हजार रुपये देने की बात कही। इस पर कर्मी ने दो हजार रुपये लेने से साफ इंकार कर दिया। उनसे इसके एवज में पांच हजार रुपये की मांग की। काफी मान-मनौअल के बाद भी जब कर्मी ने नहीं मानी तो पुलिस कर्मी शव को छोड़कर वापस चले गए। इसके बाद पोस्टमार्टम कर्मी ने शव को मोक्षधाम में ले जाकर दाह संस्कार कराया।

पुलिसकर्मी व पोस्टमार्टम कर्मी की बातचीत का वीडियो हुआ वायरल

शव का दाह संस्कार कराने को लेकर पुलिसकर्मी व पोस्टमार्टम कर्मी के बीच हो रही बातचीत का वीडियो बनाया गया था। इससे स्पष्ट होता है कि वीडियो पुलिसकर्मी द्वारा ही बनाया जा रहा था। पोस्टमार्टम कर्मी शव के दाह संस्कार के लिए रुपये की मांग कर रहा था।

वीडियो में खर्च होने वाली राशि भी गिना रहा कर्मी

वीडियो से स्पष्ट हो रहा है कि सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम भवन के सामने का ही दृश्य है। इसमें कर्मी नागेंद्र मल्लिक के पीछे वीडियो बनाने वाला आदमी तेजी से चल रहा है। वह कहता हैं - हे भाई दो हजार दे दई छिईय कम कर दही। कर्मी ने तुरंत कहा नई हो पांच हजार से पांच नियां कम नयी लगतअ (पांच हजार रुपया से पांच पैसा कम नहीं लगेगा)। कर्मी ने पांच हजार रुपया का खर्च भी गिना दिया। इसमें 1200 रुपये के हिसाब से चार क्विंटल लकड़ी, दो सौ रुपये का कपड़ा व पन्नी, पांच सौ रुपया टायर के नाम पर ठेला भाड़ा का डिमांड कर रहा था। कर्मी यह भी कह रहा था कि तू ही सब व्यवस्था कर के द। इस पर वीडियो बनाने वाले ने कहा कि शव जलाने के लिए सरकार तो पैसा देती है। तू दो हजार लेकर काम कर दह। इस पर कर्मी ने कहा सरकार अपना बा.... घर से देतई। अंतिम संस्कार करावे के ह त पांच हजार रुपया से पांच पैसा कम नहीं लगेगा।

पोस्टमार्टम कर्मी का दावा - अपने निजी कोष से किया दाह संस्कार

दाह संस्कार के लिए पुलिस के साथ डील फाइनल नहीं हुई। पुलिस कर्मी दो हजार रुपये अधिक देना नहीं चाह रहा था। पोस्टमार्टम कर्मी पांच हजार रुपया से एक रुपया भी कम लेने के लिए तैयार नहीं था। ऐसे में मजबूरन थक हारकर पुलिस कर्मी वापस चला गया था। अब शव से दुर्गंध निकलने कर्मी का दावा है कि मजबूरन उसने दाह संस्कार करा दिया। उसने इसके लिए खुद अपने पैसे खर्च किए। लेकिन सवाल उठता है कि एक मामूली चतुर्थवर्गीय कर्मी अपनी जेब से राशि खर्च किया गया। यह सवाल सिस्टम के साथ-साथ आम लोगों के जेहन में भी उठ रहा है।

अज्ञात शव को दफनाकर वसूलता है दाह संस्कार करने का खर्च

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम भवन के समीप ही कुछ लोग अवैध रूप से रहते है। यह कर्मी की मिलीभगत से रहते है। अज्ञात शव का निपटारा इन्हीं की मदद से किया जाता है। अज्ञात लाश का दाह संस्कार करने के लिए शव वाहन से नहीं ले जाना भी बड़ा सवाल है ? अज्ञात शव को ठेला से ले जाया जाता है। इसका दाह संस्कार करने के बदले मिट्टी खोदकर दफना दिया जाता है। संबंधित थाना से ली गई राशि का आपस में बटवारा किया जाता है।

- पोस्टमार्टम के बाद अज्ञात शव को 72 घंटा तक पहचान के लिए सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया था। समय अवधि पूर्ण होने के बाद कर्मी से अंतिम संस्कार कराने के लिए पुलिस कर्मी को भेजा गया था।

-संजय कुमार थानाध्यक्ष, मुसरीघरारी थाना।

लावारिस शव के अंतिम संस्कार कराने की जिम्मेवारी नियम के मुताबिक अनुमंडल प्रशासन की होती है। पुलिसकर्मी एवं पोस्टमार्टम कर्मी के बीच रुपये से संबंधित डील की बातचीत का वीडियो की जानकारी नहीं मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी। -मानवजीत सिंह ढिल्लो पुलिस अधीक्षक, समस्तीपुर।

सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम कर्मी द्वारा राशि मांगने का मामला गंभीर है। उपाधीक्षक को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। पूरा मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता सिविल सर्जन, समस्तीपुर


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