पूर्वी चंपारण में राजद से एक-एक कर अलग होते जा रहे पुराने महारथी
East Champaran Politics News दल विरोधी गतिविधियों के नाम पर अबतक दो पूर्व विधायक समेत दर्जनभर जिला व प्रखंडस्तरीय नेता हो चुके निष्कासित। निष्कासन के शिकार नेताओं का कहना है कि यह सब सिर्फ और सिर्फ चुनाव लड़े प्रत्याशियों के कहने पर किया जा रहा।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। एक ओर जहां बिहार विधानसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन के बाद एनडीए कार्यकर्ता जोश व उत्साह से लबरेज है। वहीं राजद खेमे में अब भी हार का सदमा बरकरार है। कार्यकर्ताओं में उदासी व मायूसी का आलम है। एक-एक कर राजद के पुराने झंडाबरदार महारथी दल से अलग किए जा रहे हैं। दल विरोधी गतिविधियों में अबतक दो पूर्व विधायकों समेत दर्जनभर से अधिक जिला व प्रखंडस्तरीय नेताओं का निष्कासन हो चुका है।
निष्कासन के शिकार नेताओं का कहना है कि यह सब सिर्फ और सिर्फ चुनाव लड़े प्रत्याशियों के कहने पर यह सब किया जा रहा है। दरअसल, पार्टी को समग्रता में हार की समीक्षा करनी चाहिए। चिरैया के पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण यादव का कहना है कि चुनाव में राजद ने ऐसे प्रत्याशी दिए जो काबिल थे ही नहीं। अब उल्टे वफादार नेताओं को ही किनारे लगाया जा रहा है जो दल के हित में नहीं है।
वहीं राजद तुरकौलिया के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष राजदेव यादव का कहना है कि इसके लिए जिला स्तर पर बैठक कर विचार किया जाना चाहिए कि आखिर कौन सी चूक की वजह से सीटिंग सीटों पर भी राजद की हार हुई। इसमें सभी लोगों की बात सुननी चाहिए। उसके बाद ही कोई कार्रवाई होनी चाहिए। यहां बता दें कि पूर्वी चंपारण जिले में राष्ट्रीय जनता दल ने नौ विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे। इसमें से उसे सिर्फ तीन सीटों पर सफलता हाथ लगी। जबकि हरसिद्धि, केसरिया, चिरैया, मधुबन, ढ़ाका व मोतिहारी सीट पर उसे हार का मुंह देखना पड़ा है। इस हार की खींज वह निष्कासन से पूरा कर रहा है।