कभी भी ढह सकता इस सर्किल इंस्पेक्टर का कार्यालय, पुलिसकर्मियों की जान है जोखिम में
चार थानों की निगरानी रखने वाला मधुबनी जिले का जयनगर सर्किल इंस्पेक्टर कार्यालय तीन दशक से भी पुराने जर्जर भवन में चल रहा है। कर्मी असुरक्षा के माहौल में काम करते हैं।
मधुबनी, [राघवेंद्र झा]। पुलिस का कार्य आमलोगों को सुरक्षा प्रदान करना व विधि-व्यवस्था को बनाए रखना है। लेकिन, अगर पुलिस कर्मियों को खुद दिन-रात अपनी सुरक्षा की चिंता सताती रहेगी तो भला वे कैसे भली-भांति अपनी ड्यूटी निभा सकेंगे। कुछ ऐसा ही हाल मधुबनी जिले के जयनगर सर्किल इंस्पेक्टर कार्यालय के कर्मियों का है। जयनगर थाना परिसर में संचालित इस कार्यालय का भवन इतना जर्जर हो चुका है कि भवन कब ढह जाए, कह नहीं सकते। इस भवन में कार्यरत कर्मी जान जोखिम में डाल कर काम कर रहे हैं।
चार थानों के कांडों का होता अनुश्रवण
अनुमंडल मुख्यालय के जयनगर थाना परिसर में विगत तीन दशक से सर्किल इंस्पेक्टर का कार्यालय संचालित हो रहा है। वर्ष 1991 में यहां सर्किल इंस्पेक्टर कार्यालय की स्थापना की गई थी। जिस भवन में कार्यालय का स्थापना हुई, वह स्थापना से पूर्व का ही है। सर्किल इंस्पेक्टर कार्यालय से जयनगर, लदनियां, बासोपट्टी एवं देवधा थानों के कांडों का अनुश्रवण किया जाता है।
कागजात की सुरक्षा हुई मुश्किल
जर्जर सर्किल इंस्पेक्टर कार्यालय पदाधिकारियों एवं कर्मियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। भवन के जर्जर हाल में रहने के कारण कागजात को सुरक्षित रखना कॢमयों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। कर्मी कागजात को किसी तरह प्लास्टिक शीट्स आदि में लपेटकर उन्हें बचाने की कवायद करते हैं।
चोटिल होने का रहता भय
कार्यालय की छत एवं दीवारों के प्लास्टर उखड़ कर गिर रहे हैं। चोटिल होने के भय से पदाधिकारी एवं कर्मी कार्यालय में रहने से हिचकते हैं। भवन की खिड़की व दरवाजे अपनी जगह से हट चुके हैं।
कई बार भेजी जा चुकी रिपोर्ट
कार्यालय भवन की जर्जर हालत को लेकर कई बार यहां से रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। सर्किल इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार झा ने बताया कि दिसंबर 2019 में भी राज्य मुख्यालय, पुलिस भवन निर्माण विभाग को पत्र भेजकर नया भवन बनाने की गुहार लगाई गई थी। इससे पूर्व के सर्किल इंस्पेक्टर योगेंद्र रविदास ने भी विभागीय पदाधिकारी को पत्र भेजा था। लेकिन, अब तक इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं की गई है।