दरभंगा में कोरोना संक्रमितों की संख्या में आई कमी, जिले में 52 नए संक्रमित
दरभंगा से लोगों के लिए राहत की खबर है। यहां कोरोना संक्रमण दर में कमी आई है। हालांकि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग जरूर करें।
दरभंगा, जासं। पिछले चौबीस घंटों के दौरान जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। कुल 52 नए संक्रमित मिले हैं। अब जिले में कुल एक्टिव केस की संख्या 589 पर पहुंच गई है। यह आंकड़ा लगातार घट रहा है। कुल 176 लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट गए हैं। सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार ने बताया कि जिला में कोविड-19 नियंत्रण को लेकर सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। वहीं 15 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक आयु वाले किशोर युवाओं को वैक्सीनेशन कार्य भी चल रहा है। इधर बूस्टर डोज लेनेवाले लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
दरभंगा एयरपोर्ट पर 41 यात्रियों की रैपिड एंटीजन जांच, सभी निगेटिव
केवटी। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन व देश में कोरोना संक्रमण के पांव पसारने को लेकर दरभंगा एयरपोर्ट पर तैनात मेडिकल टीम काफी सजग है। रविवार को एयरपोर्ट पर पहुंचे 41 यात्रियों की रैपिड एंटीजन जांच की गई। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई । सीएचसी रनवे-केवटी के चिकित्सा पदाधिकारी डा. एमएस आलम के नेतृत्व में एयरपोर्ट पर तैनात पांच सदस्यीय मेडिकल टीम ने मुंबई एवं कोलकाता से पहुंचे यात्रियों की जांच की। डा. आलम ने बताया कि उक्त दोनों जगहों से पहुंचे यात्रियों की रैपिड एंटीजन जांच की गई। इसके अलावा 235 यात्री अपनी जांच पहले ही करा चुके थे। सभी के पास जांच रिपोर्ट थी।
ओमिक्रोन जांच के लिए भेजे गए सात नमूनों की रिपोर्ट अब भी अप्राप्त
दरभंगा मेडिकल कालेज, अस्पताल के माइक्रोबायोलाजी विभाग की लेबोरेटरी से ओमिक्रोन जांच के लिए सात नमूने आइजीआइएमएस पटना अब से नौ दिन पहले भेजे गए। लगातार मांग की जा रही है, लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं आई। सूत्रों के अनुसार जिन सात लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, उनमें अलग-अलग राज्यों से आए लोग है। ये लोग देश के विभिन्न ओमिक्रोन प्रभावित राज्यों से यहां पहुंचे थे। वरीय अधिकारियों के आदेश पर लैब टेक्नीशियन ने विशेष रूप से इन सात लोगों का नमूना ओमिक्रोन जांच के लिए लिया था।
जांच में इन सात मरीजों के कोरोना वायरस के आरएनए की संरचना देखी जानी है। इस जांच के जीन सिक्वेंस भी देखा जाना है। कोरोना के जो लोग पाजिटिव मिले हैं, उनके आरएनए में बदलाव की भी पहचान की जानी है। माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष आरएस प्रसाद ने बताया कि ओमिक्रोन की इस जांच में देखा जाता है कि पाजिटिव मरीजों के नमूने की जांच में कौन सा वायरस है। इसके वायरस घातक नहीं होते हैं, लेकिन इनका फैलाव तेजी से होता है। प्राचार्य डा. केएन मिश्रा ने बताया कि ने बताया कि डीएमसीएच से ओमिक्रोन जांच के लिए सात नमूने पटना भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने का इंतजार है।