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कल्याण विभाग की वेबसाइट पर शिवहर डिग्री कालेज का नाम नहीं, बेटियां योजना के लाभ से वंचित

हर साल औसतन 700 लड़कियां स्नातक उत्तीर्ण करती हैं। वर्ष 2018 में कन्या उत्थान योजना के लागू होने के बाद कालेज प्रबंधन ने वेबसाइट पर नाम अपडेट कराने के लिए पत्राचार नहीं किया। इससे छात्राओं को निराशा हाथ लगी है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 09:04 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 09:04 AM (IST)
कल्याण विभाग की वेबसाइट पर शिवहर डिग्री कालेज का नाम नहीं, बेटियां योजना के लाभ से वंचित
वेबसाइट पर सबमिट नहीं हो पा रहा कन्या उत्थान योजना का आवेदन।

शिवहर, [नीरज]। कम उम्र में बेटियों की शादी न हो, इसके लिए सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया, लेकिन जिलों में गंभीरता नहीं दिखाने से योजनाएं दम तोड़ रही हैं। शिवहर में कन्या उत्थान योजना विफल साबित हो रही है। इसमें स्नातक पास करनेवाली अविवाहित बेटियों को एकमुश्त 50 हजार रुपये देना था। कालेज, बिहार विश्वविद्यालय और कल्याण विभाग की लापरवाही के चलते जिले की करीब तीन हजार स्नातक पास बेटियों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।दरअसल योजना का लाभ लेने के लिए कल्याण विभाग की वेबसाइट पर आवेदन करना होता है। इसपर शिवहर डिग्री कालेज का नाम ही नहीं है। ऐसे में लाभुकों का आवेदन सबमिट नहीं हो पा रहा है। 

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योजना के लागू होने के समय से ही नहीं मिला लाभ

वर्ष 2017 में कालेज की स्थापना हुई थी। जिले का यह एकमात्र कालेज है। हर साल औसतन 700 लड़कियां स्नातक उत्तीर्ण करती हैं। वर्ष 2018 में कन्या उत्थान योजना के लागू होने के बाद कालेज प्रबंधन ने वेबसाइट पर नाम अपडेट कराने के लिए पत्राचार नहीं किया। इससे छात्राओं को निराशा हाथ लगी है। यूनिवर्सल प्राउटिस्ट स्टूडेंट्स फेडरेशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार बताते हैं कि एक सप्ताह के भीतर वेबसाइट पर नाम नहीं आया तो इस साल भी बेटियां योजना के लाभ से वंचित होंगी। हालांकि मामले को लेकर दो दिन पहले ही जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है।

आवेदन विवि स्तर पर लंबित होने का दावा 

छात्राओं का कहना है कि योजना का लाभ दिलाने के लिए कालेज की ओर से कभी मजबूत पहल नहीं हुई। प्राचार्य नंद किशोर प्रसाद हमेशा गायब रहते हैं। फोन पर भी उपलब्ध नहीं होते हैं। कालेज के नामांकन प्रभारी मो. तौकीर बताते हैं कि मामला बीआरए बिहार विश्वविद्यालय स्तर पर लंबित है। कालेज की ओर से लगातार विश्वविद्यालय को पत्र भेजा रहा है। एक पखवारा पहले भी पत्र भेजा गया है। जिलाधिकारी सज्जन राजशेखर ने बताया कि मामला संज्ञान आने के बाद सरकार, विभाग और विवि से पत्राचार किया जा रहा है। इधर, विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर ने बताया कि शीघ्र समस्या का समाधान किया जाएगा।  


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