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नगर निगम : छह घंटे चली निगम बोर्ड की बैठक, नतीजा सिफर

बैठक में आरोप-प्रत्यारोप, हो-हंगामे व नाश्ता-पानी के अलावा कुछ भी नहीं। ओडीएफ, स्वच्छता सर्वेक्षण, शहर में बढ़ते प्रदूषण एवं विकास पर नहीं हुई चर्चा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 11:05 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 11:05 PM (IST)
नगर निगम : छह घंटे चली निगम बोर्ड की बैठक, नतीजा सिफर
नगर निगम : छह घंटे चली निगम बोर्ड की बैठक, नतीजा सिफर

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। दो माह बाद सोमवार को ऑडिटोरियम में नगर निगम बोर्ड की मैराथन बैठक हुई। छह घंटे की बैठक का परिणाम सिफर रहा। बैठक में आरोप-प्रत्यारोप, हो-हंगामा, हंसी-मजाक एवं नाश्ता-पानी के अलावा कुछ भी नहीं हुआ। कुछ पुरानी बातों पर फिर से चर्चा तो हुई, लेकिन निष्कर्ष कुछ भी नहीं निकला। पूरी बैठक में आधा दर्जन पार्षद हर बात पर बोले, पर अधिकतर मौन रहे।

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 आधे पार्षद बीच में ही चुप-चाप उठकर चले गए। स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर शहर की साख दांव पर है लेकिन बैठक में इस पर न चर्चा हुई और न ही कोई फैसला लिया गया। शहर की हवा जहरीली हो रही है। प्रदूषण के ग्राफ पर शहर टॉप पर है। बैठक में इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।

 उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला ने पार्षदों से इस चुनौती से लडऩे के लिए चर्चा को आधा घंटा समय मांगा। पर बैठक समाप्त हो गई, इस विषय पर चर्चा जरूरी नहीं समझा गया। आवारा पशुओं की मार से शहरवासी त्रस्त है, लेकिन इस विषय पर चर्चा को हंसी-मजाक बना दिया गया। इसकी गंभीरता को नहीं समझा गया। शहरी क्षेत्र में भू-जल का स्तर गिर रहा है, कूड़ा डंपिंग शहर के लिए चुनौती बनते जा रहा है। पर इस विषय पर चर्चा को जरूरी नहीं समझा गया। हां, पार्षदों को लैपटॉप मिले, इस पर खूब चर्चा हुई। बैठक में प्रापर्टी टैक्स में पांच प्रतिशत की वृद्धि एवं शहर को ओडीएफ घोषित करने के प्रस्ताव को बैठक में पूरी तरह से नकार दिया गया।

 महापौर सुरेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला, नगर आयुक्त संजय दूबे, प्रभारी उप नगर आयुक्त हीरा कुमारी, कार्यपालक अभियंता सुरेश कुमार सिन्हा समेत अधिकतर पार्षदों ने भाग लिया। बैठक की शुरुआत होते ही आवास योजना के लाभुकों को राशि देने में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर राकेश कुमार सिन्हा, राजीव कुमार पंकू, जावेद अख्तर, रंजू सिन्हा, सुनीता भारती बेल में आए गए और नगर आयुक्त के साथ जमकर बहस की।

 राशि भुगतान में उगाही का आरोप लगाया। बाद में महापौर द्वारा जांच कमेटी बनाकर आरोपों की जांच की घोषणा की गई, तब पार्षद जगह पर बैठे। उसके बाद एलईडी लाइट लगाने में भेदभाव का आरोप लगाकर पार्षदों ने हो-हंगामा किया।

रविवार को भी होगी सफाई, नहीं बढ़ेगा प्रापर्टी टैक्स

अब रविवार को भी शहर की सफाई होगी। वार्ड 20 के पार्षद संजय केजरीवाल के प्रस्ताव पर नगर निगम बोर्ड ने सहमति की मुहर लगाई। कूड़ा निष्पादन में लगे टै्रक्टर अब प्रतिदिन दो की जगह तीन टिप कचरा उठाकर रौतनिया में डंप करेंगे। व्यवसायियों से शुल्क लेकर डस्टबीन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। समय पर विकास योजनाओं को पूरा नहीं करने वाले संवेदकों को आगे निगम के किसी भी टेंडर में भाग लेने पर रोक होगी।

 शौचालय निर्माण का पैसा लेकर काम नहीं कराने वाले लाभुकों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। हाउस कनेक्शन नहीं देने पर पाइप लाइन बिछाने वाले संवेदक को राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। सूचना के 72 घंटे में खराब वेपर लाइट नहीं बनाने पर एजेंसी को देना प्रतिदिन 25 रूपये जुर्माना भरना पड़ेगा।

सिविल सर्जन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव

बोर्ड की बैठक में शामिल नहीं होने एवं आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों की सूची उपलब्ध नहीं कराने से नाराज पार्षदों ने सिविल सर्जन डा. शिवचंद्र भगत के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। इससे सरकार को अवगत कराने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया।


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