मधुबनी का यह अनुमंडलीय अस्पताल परिसर बना अघोषित ऑटो स्टैंड, एंबुलेंस की कमी का खामियजा भुगत रहे मरीज
मधुबनी जिले के झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल में एंबुलेंस सेवा की कमी है। इसका फायदा उठा ऑटो चालक वहां जमे रहते हैं और मनमाने किराये पर मरीजों को ढोते हैं।
मधुबनी, [देवकांत मुन्ना]। सरकारी अस्पतालों तक मरीजों का लाने व ले जाने के लिए सरकार ने एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था कर रखी है। लेकिन यह सेवा हर जगह कारगर साबित नहीं हो रही। मधुबनी जिले के झंझारपुर में भी मरीजों और उनके स्वजनों का इस संबंध में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अघोषित ऑटो स्टैंड बना अस्पताल परिसर
झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल पहुंचने के लिए जरूरतमंद मरीजों को एंबुलेंस की कमी के कारण ऑटो से आना-जाना पड़ रहा है। नतीजा, पूरा अस्पताल परिसर अघोषित ऑटो स्टैंड बन चुका है। यहां बेरोकटोक ऑटो लगाए जाते हैं। लाखों की आबादी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस अस्पताल पर निर्भर करती है। लेकिन, यहां गंभीर मरीजों को घर से लाने या वापस पहुंचाने के लिए महज एक ही एंबुलेंस की उपलब्धता है। इस कारण, लोग मजबूरी में ऑटो का सहारा लेते हैं। वहीं ऑटो वालों को न केवल अस्पताल परिसर में मुफ्त पड़ाव स्थल मिल चुका है, बल्कि वे मरीजों व उनके स्वजनों से मनमाना किराया भी वसूल रहे हैं।
मरीजों की टोह में जमे रहते ऑटो चालक
स्थिति यह हो गई है कि मुख्य सड़क पर भले ही आपको ऑटो न मिले, लेकिन अस्पताल परिसर में हर समय आपको ऑटो मिल जाएगा। यहां मरीजों की टोह में ऑटो चालक जमे रहते हैं।
अस्पताल में एक ही एंबुलेंस की सेवा
इस अस्पताल में एकमात्र 102 नंबर की सेवा वाला एंबुलेंस काम करता है। उसी के जिम्मे सभी जरूरतमंद मरीजों को गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य है जो संभव नहीं हो पाता। इस अभाव का पूरा फायदा ऑटो वाले उठाते हैं।
विभाग को जानकारी दी
हालांकि, अस्पताल के डीएस डॉ. सुशील पूर्व अस्पताल परिसर में अघोषित ऑटो स्टैंड की बात को खारिज करते हैं। लेकिन, वे यह जरूर स्वीकार करते हैं कि ऑटो से यहां मरीज आते हैं और फिर उसी से चले जाते हैं। एंबुलेंस के संबंध में उन्होंने बताया कि इस बाबत विभाग को जानकारी दी गई है और जल्द ही अस्पताल में एंबुलेंस की कमी को दूर कर लिया जाएगा।