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सीतामढ़ी में ट्रैफिक की बदइंतजामी से सांसत में रहती लोगों की जान, पुलिस व प्रशासन दोनों इत्मीनान

सीतामढ़ी शहर में कही भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। शहर का ऐसा कोई प्रमुख चौक-चौराहा नहीं है जहां पर जाम लगता हो। कई स्थानों पर अतिक्रमण के कारण सड़कें संकरी हो गई हैं। बैंक हो या अस्पताल या फिर बस अड्डा सभी जगह जाम लगा रहता है।

By Vinay PankajEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 09:46 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 09:46 PM (IST)
सीतामढ़ी में ट्रैफिक की बदइंतजामी से सांसत में रहती लोगों की जान, पुलिस व प्रशासन दोनों इत्मीनान
सीतामढ़ी शहर में जाम की समस्‍या से लोग परेशान हैं

सीतामढ़ी, जेएनएन। सीतामढ़ी शहर से लेकर जिला मुख्यालय डुमरा तक ट्रैफिक की बदइंतजामी आम है। आम शहरी की जान इससे सांसत में रहती है। यदा-कदा के अभियान को छोड़ दें तो पुलिस व प्रशासन दोनों इत्मीनान भाव में नजर आते हैं। शहर में पाॄकग जोन की कहीं कोई व्यवस्था नजर नहीं आती। जिससे जाम की समस्या रोजाने की बात है।

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बुधवार से स्नातक थर्ड पार्ट की परीक्षा भी आरंभ हुई है। जाम की समस्या से विद्यार्थी भी दो-चार होंगे। शहर का ऐसा कोई प्रमुख चौक-चौराहा नहीं है, जहां पर जाम न लगता हो। कई स्थानों पर अतिक्रमण के कारण सड़कें संकरी हो गई हैं। बैंक हो या अस्पताल या फिर बस अड्डा सभी के बाहर अवैध पाॄकग के कारण जाम लगा रहता है।

सीतामढ़ी शहर माता जानकी की जन्मस्थली के रूप में विश्व के मानचित्र पर स्थापित है। लोग बीच सड़क पर ही बाइक और कार खड़ी करते र्हैं। सड़क और फुटपाथ पर वाहन खड़े करने के चलते सड़क ही स्टैंड के रूप में नजर आता है। पांच किमी दायरे वाले सीतामढ़ी शहर में कही भी पाॄकग की व्यवस्था नहीं है।

टेंपो स्टैंड तक नहीं है। स्टैंड के अभाव में टेम्पो सड़क पर खड़े रहते हैं। सड़क के किनारे अतिक्रमण व गाडिय़ां लगने से इसकी चौड़ाई कम हो जाती है। जिससे ट्रैफिक ठप पड़ जाती है। बड़े वाहनों के आ जाने के बाद स्थिति और भयावह हो जाती है। सुबह दस बजे से लेकर शाम चार-पांच बजे तक शहर में गाडिय़ां सरकती नजर आती हैं। मेहसौल से लेकर कॉलेज रोड, महंत साह चौक, सोनापट्टी, जानकी स्थान, गोशाला चौक व रीगा रोड तक, मेहसौल चौक से राजोपट्टी व डुमरा रोड तक, मेहसौल चौक से स्टेशन रोड, सुरसंड रोड, पुपरी रोड, कारगिल चौक से सिनेमा रोड, पासवान चौक से गोशौला चौक आदि इलाकों जाम लगने का सबसे बड़ा कारण सड़क पर वाहनों की पाॄकग ही है।

टेंपो चालकों की रहती मनमानी

शहर में टेंपो वालों की मनमानी चलती है। क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाना तो उनकी आदत बन गई है। यहां तक कि चालक अपने अगल-बगल भी तीन यात्री बैठा लेते हैं। इससे टेंपो चलाने में उन्हेंं परेशानी भी होती है, लेकिन किराए के लालच में ऐसा करने से बाज नहीं आते। यात्री बैठाने और उतारने के लिए वे बीच रास्ते या चौराहे पर टेंपो खड़ा कर देते हैं। इससे भले ही हादसा हो जाए या जाम लग जाए, उन्हेंं परवाह नहीं। उनकी मनमानी का नजारा हर रूट पर दिखता है, लेकिन रोकेगा कौन? जिन पुलिस वालों की यह जिम्मेदारी है, वे देखने के बाद आंख मूंदे रहते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि वे वसूली करते हैं। अधिकारी भी उनकी मनमानी पर ध्यान नहीं दे रहे। ओवरटेक करने पर सुरक्षाकॢमयों की खैर नहीं। ये सीधे पुलिस से भिड़ जाते। इन्हें कोई डर नहीं। अधिकतर चौराहे पर अनट्रेंड होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी दी गई है। अधिकारी यह नहीं बता पाते कि क्यों ट्रैफिक कंट्रोल नहीं हो पाता।

ट्रैफिक वेवस्था पर पुछे जाने पर एस पी अनिल कुमार ने बताया की शहर के सभी चौक-चौराहों पर बिहार पुलिस के अलावा 40 होमगार्ड जवान को ड्यूटी दी गई है। स्थानीय थाना व पैंथर मोबाइल के जवान भी मुस्तैद किए गए रहते हैं। ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए कारगिल चौक, मेहसौल चौक, जानकी स्थान चौक सहित भीड़-भाड़ वाली जगहों को चिह्नित किया गया है, जिन्हें अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। ट्रैफिक नियमों की जानकारी रखने वाले प्रशिक्षण प्राप्त पुलिसकर्मी को चौक-चौराहों पर तैनात किया जाएगा।


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