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दरभंगा के मानू विवि के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अंतिम दौर में

Darbhanga News मानू के लिए कुल 20.92 एकड़ जमीन का होना है अधिग्रहण तीन मौजे में कुल 109 रैयतों को मिलेगा मुआवजा प्रेमजीवर व शंकरपुर में लगाए गए शिविर जरूरी कागजातों की जांच के लिए 24 को चंदनपट्टी में भी लगेगा शिविर।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 04:53 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 04:53 PM (IST)
दरभंगा के मानू विवि के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अंतिम दौर में
मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय में कैंपस भूम‍ि अध‍िग्रहण। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दरभंगा, जासं। मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय (मानू) के कैंपस के लिए भूमि अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। कुल तीन मौजे में 20.92 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इनमें प्रेमजीवर, शंकरपुर और चंदनपट्टी मौजा शामिल है। तीनों मौजे में तिथिवार शिविर लगातार रैयतों से कागजात लेने की प्रक्रिया चल रही है। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि इसके तहत अब तक प्रेमजीवर और शंकरपुर मौजे में शिविर लगाया गया है। लेकिन, एक भी आवेदन नहीं प्राप्त हुए है। इसी क्रम में 24 जनवरी को चंदनपट्टी में शिविर लगाया जाएगा। बताया कि शिविर के माध्यम से संबंधित मौजे में जिनकी जमीन भू-अर्जन में अधिग्रहित की जा रही है, उनसे संबंधित कागजात लिए जा रहे है।

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कागजात लेने और उसकी पड़ताल करने के बाद सीएफएमएस के माध्यम से रैयतों के खाते में राशि भेजी जाएगी। बताया कि तीनों मौजे में कुल 109 रैयत है। इनमें प्रेमजीवर में 17, शंकरपुर में 36 जबकि चंदनपट्टी में सबसे अधिक 56 रैयत है। सभी रैयतों को नोटिस का तामिला करा दिया गया है। कागजातों के अध्ययन के बाद सभी को निर्धारित राशि का भुगतान किया जाएगा।

कोरोना के कारण जिला भू-अर्जन कार्यालय में भीड़-भाड़ को देखते हुए संबंधित मौजे में ही शिविर लगातार कागजात लेने का निर्णय किया गया था। ताकि, कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए काम को आगे बढ़ाया जा सके। हालांकि, प्रेमजीवर व शंकरपुर में लगे शिविर के दौरान कई रैयत आए, लेकिन उनके पास पूरे कागजात नहीं थे।

रैयतों को जमा करने होंगे ये कागजात

मानू के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत रैयतों से जिन कागजातों की मांग की जा रही है, उनमें खातियानी किस्म की जमीन के लिए रैयतों को खतियान की कापी, वंशावली, एलपीसी, अद्यतन जमीन की लगान रसीन, एक शपथ पत्र, आधार कार्ड व बैंक अकांउट का ब्यौरा देना होगा। वहीं, केवाला से प्राप्त जमीन की सूरत में वंशावली को छोड़कर बाकी सभी कागजात रैयतों को देने होंगे। बताया जाता हैं कि भूमि अधिग्रहण के दौरान सही जमीन मालिकों के खाते में राशि भेजी जा सके, इसके लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में अपनाई जाने वाली हरेक ङ्क्षबदु की जांच कर संतुष्ट होना चाह रहा है।


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