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SMART CITY : जुब्बा सहनी पार्क का होगा विकास, खर्च होंगे 3.48 करोड़

तीन पार्कों के विकास को मिली हरी झंडी, एमआरडीएस परिसर में खुलेगा स्मार्ट सिटी कंपनी का कार्यालय, मिथिला पेंटिंग से सजेंगी सरकारी भवनों की दीवारें।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 11:52 AM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 11:52 AM (IST)
SMART CITY : जुब्बा सहनी पार्क का होगा विकास, खर्च होंगे 3.48 करोड़
SMART CITY : जुब्बा सहनी पार्क का होगा विकास, खर्च होंगे 3.48 करोड़

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत जुब्बा सहनी पार्क समेत शहर के तीन पार्को का विकास होगा। जुब्बा सहनी पार्क के विकास पर 3.48 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं, इंदिरा पार्क के विकास पर 1.54 करोड़ तथा खबरा चिल्ड्रेन पार्क के विकास पर 1.15 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। स्मार्ट सिटी कंपनी के चेयरमैन सह प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में शहर के तीनों पार्कों के विकास की योजना को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।

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    इसके साथ ही पार्क की विकास योजना के जमीन पर उतरने का रास्ता खुल गया। एबीडी एरिया स्थित सभी सरकारी भवनों की दीवारें मिथिला पेंटिंग से सजेंगी। इसके लिए बैठक में 1.76 करोड़ की योजना पर मुहर लगाई गई। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए जल्द ही निविदा निकाली जाएगी। स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड का कार्यालय अब एमआरडीए भवन में बनेगा।

    बैठक में इस पर सहमति दे दी गई। योजनाओं के कार्यान्वयन की गति धीमा होने पर प्रमंडलीय आयुक्त ने नाराजगी जतायी और कंपनी के कंसलटेंट को फटकार लगाई। बैठक में चेयरमैन के अलावा कंपनी के निदेशक सह महापौर सुरेश कुमार, जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष, कंपनी के प्रबंध निदेशक सह नगर आयुक्त संजय दूबे आदि शामिल हुए।

एकबार फिर लटकी ग्यारह में से आठ योजनाएं

योजनाओं को कार्यान्वित करने में देश भर के स्मार्ट सिटी में फिसड्डी रहने के बावजूद कंपनी एवं कंसलटेंट सजग नहीं हो पायी। बैठक में प्रशासनिक स्वीकृति के लिए ढाई अरब रुपये की 11 योजनाओं को रखा गया था। लेकिन एनओसी नहीं होने के कारण एकबार फिर ग्यारह में से आठ योजनाओं को स्वीकृति नहीं मिल पाई।

     जबकि डायरेक्टरर्स की पिछली बैठक में भी इन योजनाओं को यह कहते हुए पास नहीं किया गया था कि संबंधित विभाग से एनओसी ले लिया जाए। लेकिन कंपनी सिर्फ तीन पार्को के निर्माण का ही एनओसी नहीं जुटा पाई। वहीं कंपनी इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर के निर्माण को स्थल चयन नहीं कर पाई।

इन योजनाओं को नहीं मिली स्वीकृति

बैठक में कई योजनाओं को स्वीकृति नहीं मिली है। इन योजनाओं में अखाड़ाघाट से रेलवे स्टेशन तक पेरिफेरियल रोड का निर्माण, स्टेशन से लक्ष्मी चौक होते हुए बैरिया तक स्पाइनल सड़क निर्माण, सिकंदरपुर से लक्ष्मी चौक तक लेक रोड का विकास, शहर में स्मार्ट सिटी मिनी बस एवं ई-रिक्शा स्टॉप का निर्माण, शहर में विभिन्न स्थानों पर वेंडिंग जोन का विकास, पर्यटन सूचना केंद्र व इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर का निर्माण शामिल है।  


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