गार्बेज टिपर घोटाला : आरोपित अपर समाहर्ता की अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित
वर्ष 2017 में नगर निगम के गार्बेज टिपर खरीद में घोटाले का आरोप। जांच के बाद प्रथम दृष्टया मामला सत्य पाने पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने दर्ज कराई प्राथमिकी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नगर निगम के गार्बेज टिपर खरीद घोटाले के आरोपित तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त सह अपर समाहर्ता डॉ.रंगनाथ चौधरी की अग्रिम जमानत की अर्जी पर गुरुवार को विशेष न्यायालय निगरानी में सुनवाई पूरी हो गई। न्यायालय ने इस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है। यह आदेश शुक्रवार को आने की संभावना है।
इस मामले के एक अन्य आरोपित महापौर सुरेश कुमार की अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट ने इस संबंध में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से केस डायरी मांगी है। अब इस पर अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी। दो अन्य आरोपितों सहायक अभियंता महेंद्र सिंह व आपूर्तिकर्ता मोहन हिम्मत एस.की जमानत अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में भी कोर्ट ने ब्यूरो से केस डायरी मांगी है।
यह है मामला
वर्ष 2017 में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति ने शहर की सफाई के लिए 50 गार्बेज टिपर खरीदने का प्रस्ताव पारित किया था। इस आलोक में निगम की ओर से पिछले साल नौ सितंबर को निविदा आमंत्रित की गई। जिसमें तीन फर्मों ने भाग लिया। इसमें माड़ीपुर के तिरहुत ऑटोमोबाइल, कुरुक्षेत्र हरियाणा के न्यू भारत इंजीनियङ्क्षरग सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड व पाटलिपुत्रा पटना के मे.मौर्या मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल था।
निविदा में सबसे कम मूल्य दर्शाने वाले फर्म को दरकिनार कर मौर्या मोटर्स को आपूर्ति का आदेश दिया गया। इसी के खिलाफ तिरहुत ऑटो मोबाइल के प्रोपराइटर की ओर से निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत की गई थी। जांच के बाद ब्यूरो ने प्रथम दृष्टया मामला सत्य पाने के बाद मेयर, तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश रंजन प्रसाद, तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त सह अपर समाहर्ता डॉ. रंगनाथ चौधरी सहित दस आरोपितों के खिलाफ निगरानी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।