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मुजफ्फरपुर की लीची की लाली में खोती जा रही सब्जी की हरियाली

टमाटर-भिंडी कोई लेने वाला नहीं। पटना वाला व्यापारी अब नहीं आ रहा। सबेरे से 11 बजे तक खुदरा होलसेल सब चल रहा। लीची के त परमिट मिला सब्जी वाला किसान के पटवन के दाम निकलना मुश्किल है ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 11:44 AM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 11:44 AM (IST)
मुजफ्फरपुर की लीची की लाली में खोती जा रही सब्जी की हरियाली
टमाटर-भिंडी कोई लेने वाला नहीं। पटना वाला व्यापारी अब नहीं आ रहा।

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]।लॉकडाउन के बीच लीची को बाग से लेकर बाजार तक भेजने के लिए सरकारी व गैर सरकारी अमला सक्रिय है। मजदूर और वाहन तक को छूट मिल रही है। इस बीच सब्जी की हरियाली पर संकट है। उसकी सुध लेने न हाकिम न जनता के रहनुमा ही आगे आ रहे। बैरिया शनि मंदिर इलाके में रहने वाले शंभू को नाथ मनाने वाले हनुमान जी के भक्त समाजसेवी के दरबार में कांटी के एक किसान पहुंचे। स्वागत काढ़ा से हुआ। किसान बोले भाई साहब सब गड़बड़ हो गया। अपना पेठिया के बुरा हाल हो गया। टमाटर-भिंडी कोई लेने वाला नहीं। पटना वाला व्यापारी अब नहीं आ रहा। सबेरे से 11 बजे तक खुदरा होलसेल सब चल रहा। लीची के त परमिट मिला सब्जी वाला किसान के पटवन के दाम निकलना मुश्किल है। समाजसेवी बोले सब हाकिम व नेता क्वारंटाइन पर हई ए लेल जैसे बिक जाए बेचकर खर्चा-पानी निकाल लो इसी में भलाई है रे भाई। 

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पानी तो गिर रहा बाकी बीज के थाह-पता नहीं

मानसून पूर्व बारिश से धान व मक्का की खेती करने वाले किसान उत्साहित हैं, लेकिन उनके सामने संकट है कि अब तक स्थानीय स्तर पर रियायती बीज देने की कोई तैयारी नहीं की गई है। मीनापुर के एक किसान ने किसानों के साथ समन्वय बनाने वाले हाकिम को फोन मिलाया। किसान ने कहा सर ऊपर वाले की मेहरबानी त हम सब पर हई, बाकी अपने सब के मेहरबानी कब होतई। साहब बोले क्या हुआ? किसान बोले सर अभी पानी पड़ रहा बाकी सरकारी धान के बीज के थाह-पता नहीं चल रहा है। हाकिम बोले तुमको पता नहीं कि बड़े साहब क्वारंटाइन पर चल रहे हैं। जब निगेटिव होंगे तक सोचा जाएगा। किसान बोले सर समय बीत जाएगा तो बीज लेकर का होगा खेत में बुआई त नहीं होगा बाकी खपरी में लावा बनाने का काम होगा। अपने सबके भगवाने मालिक हैं।

बाजार पहुंचने से पहले दब रही कड़कनाथ की आवाज

दिल्ली वाले फायर ब्रांड वाले मंत्रीजी बराबर जिले में आते रहते हैं। इसी कड़ी में युवा माननीय ने अपने फार्म हाउस ले जाकर मछली और कड़कनाथ मुर्गा पालन को दिखाया। चलते-चलते एक गिफ्ट पिजड़ा में कड़कनाथ दे दिया। यह खबर वायरल हुई। उसके बाद तो अब हालत यह है कि बाजार में जाने की कौन कहे गिफ्ट वाले ही ज्यादा आ रहे हैं। देव को दुर्लभ समझने वाले भगवाधारी नेताजी युवा माननीय के एतवारी जनता के दरबार में धमके। वहां युवा मुखिया के दर्शन हुए। दुआ-सलाम के बाद भगवाधारी नेता बोले मुखियाजी कड़कनाथ के कि हाल हई। मुखिया बोले अरे भाई साहब जे हालत हई लग रहल की अपनापने में आकर अंत हो जतई। युवा नेता बोले अपनों की सेवा सबके वश की नहीं। अगर एक मिल जाए तो बेहतर।

इ हाकिम अभी कोरोना-कोराना खेल रहा

मानसून की दस्तक से पहले पटना के लालबत्ती वाले माननीय का आगमन हुआ। पूरे महकमा के साथ लंबी चर्चा हुई। कांटी इलाके के सबसे संवेदनशील बाढ़ वाले इलाके की प्रभावित जनता की टोली ने माननीय का स्वागत कर अपनी बात रखी। तीर पसंद करने वाले वरीय नेता के सहयोग से सब संपन्न हुआ। हालत यह रही कि बाढ़ पर निगरानी रखने वाले हाकिम की टोली वहां पर झांकना तक मुनासिब नहीं समझ रही। मिठनसराय इलाके के मंदिर वाले समाजसेवी की मुलाकात लालटेन पसंद करने वाले दो नेताजी से हुई। समाजसेवी बोले भाई साहब इ बार भी सब डूबबे करतई का। किसान सबके फसल तबाह होतई का। नेताजी बोले अरे भाई साहब इ हाकिम अभी कोरोना-कोराना खेल रहा। जे हालत है लग रहा कि इस बार भी जनता घो-घो रानी केतना पानी... खेलेगी। समाजसेवी बोले चलू हाकिम सबके जे मर्जी बाकी अब ऊपर वाला पर ही जनता के आस।


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