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Muzaffarpur Flood News : बाढ़ ने कई परिवारों के आशियाने को उजाड़ा, हाईवे बना आशियाना, गुजार रहे इस तरह की जिंदगी

Muzaffarpur Flood News बागमती की बाढ़ से औराई प्रखंड प्रखंड के कई गांवों के लोग विस्थापित। 18 परिवार सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे किनारे बीते 10 दिनों से रह रहे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 12:31 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 12:31 PM (IST)
Muzaffarpur Flood News : बाढ़ ने कई परिवारों के आशियाने को उजाड़ा, हाईवे बना आशियाना, गुजार रहे इस तरह की जिंदगी
Muzaffarpur Flood News : बाढ़ ने कई परिवारों के आशियाने को उजाड़ा, हाईवे बना आशियाना, गुजार रहे इस तरह की जिंदगी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। हर साल वही दुखभरी कहानी। बाढ़ के कारण उजडऩा। फिर पानी उतरने पर दोबारा गृहस्थी सजाना। यह पीड़ा बागमती नदी के किनारे बसे औराई प्रखंड के कई गांवों की है। इस साल भी डेढ़ दर्जन परिवार बाढ़ से बेघर होकर सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे किनारे शरण लिए हुए हैं। वे पॉलीथीन टांगकर किसी तरह रह रहे। औराई के घनश्यामपुर, परड़ी, पितौझिया व बेदौल के अलावा सीमावर्ती रून्नीसैदपुर प्रखंड के कई गांवों के 45 परिवार इस समय बागमती में आई बाढ़ के चलते विस्थापित हो चुके हैं। इनमें औराई के 18 परिवार हैं। वे बीते 10 दिनों से सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे किनारे रह रहे हैं। यहां भोजन से लेकर शौचालय तक की परेशानी है। कोई सहायता नहीं मिल सकी है।

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पिछले साल भी यही था हाल

घनश्यामपुर की सावित्री देवी की आंखों में तो पिछले साल की पीड़ा अभी बरकरार है। तब उनका परिवार डेढ़ माह तक टोल प्लाजा के पास पॉलीथीन टांगकर रहा था। वह कहती हैं, पिछले साल अन्न, वस्त्र, नकदी, घर और मवेशी बह गए थे। राहत के नाम पर महज छह हजार रुपये मिले थे। इस बार भी वही हाल है। राहत की टकटकी है। इंतजार है कि पानी कम हो तो घर जाएं। मालती देवी, अर्जुन साह, रीतलाल पासवान और अरविंद साह आदि बताते हैं कि भोजन से लेकर पानी तक की दिक्कत है। प्रशासन की तरफ से अभी कोई सहायता नहीं मुहैया कराई गई है। मजबूरी के चलते कोरोना काल में शारीरिक दूरी भी नहीं रख पा रहे। इससे संक्रमण का भी खौफ है। हाईवे से बड़े वाहन गुजरते हैं तो दिल डर जाता है।  


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