पश्चिम चंपारण के सहोदरा में चार साल से ध्वस्त पुलिया का नहीं हुआ निर्माण, अब सिर्फ डायवर्सन ही सहारा
West champaran ध्वस्त पुलिया की जगह रागीर परेशान है। सुभद्रा मंदिर में पूजा अर्चना और बॉर्डर की सुरक्षा को इसी रास्ते आते जाते अर्धसैनिक बल और पुलिस के वाहन पुलिया के पास दो लोगों की हो चुकी है मौत दर्जनों हुए जख्मी
पश्चिम चंपारण, जासं । नरकटियागंज अनुमंडल मुख्यालय से प्रसिद्ध सुभद्रा स्थान और भिखनाठोरी को जोडऩे वाली मुख्य सड़क में सहोदरा थाना से करीब सौ मीटर की दूरी पर बाढ़ में ध्वस्त हुई पुलिया करीब चार साल बाद भी नहीं बनी, जबकि उसके पास बना गड्ढा दो जिंदगी को अपने में समाहित कर चुका है। कई लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर अस्पताल पहुंच गए। फिर भी विभाग और प्रशासन अब तक हाथ पर हाथ धरे रखा। आस्था, सुरक्षा और विकास के लिए महत्वपूर्ण मार्ग में बने इस खतरनाक गड्ढे में न केवल शिकारपुर थाना क्षेत्र के तुमकडिय़ा निवासी और बैंक कैशियर अमित कुमार की जान गई बल्कि सहोदरा थाना के एक चौकीदार का साला भी उस गड्ढे के कारण ही असमय काल के गाल में समा चुका है। छोटी छोटी दर्जनाधिक दुर्घटनाएं घट चुकी है।
बता दें कि 2017 के प्रलयंकारी बाढ़ में यह सड़क पुलिया ध्वस्त हो गई और वहां बड़ा गड्ढा बन गया। डायवर्सन के सहारे आवागमन हो रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि इस मार्ग से काफी संख्या में लोग नेपाल और भिखनाठोरी आते जाते हैं । सुरक्षा की ²ष्टि से एसएसबी जवानों और उनके वाहनों को इस मार्ग से बॉर्डर पर आना जाना होता है। प्रसिद्ध सुभद्रा मंदिर इसी मार्ग में है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का पहुंचना होता है। रामनवमी के अवसर पर लगने वाले मेला में दूरदराज के लोग आते जाते हैं।
पड़ोसी देश नेपाल और उत्तरप्रदेश से भी काफी संख्या में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। मगर उस पुलिया के निर्माण की दिशा में एक ईंट तक नहीं गिराई गई। जमुनिया बाजार के व्यापारी भी इस मुद्दे को लेकर खासा आक्रोशित है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि विभागीय उपेक्षा कई सवाल खड़े कर रहे हैं। आखिर कितने लोगों की मौत के बाद विभाग और प्रशासन इस ध्वस्त पुलिया का निर्माण कराएगा ।
- कई बार विभाग को लिखने के बाद पीडब्ल्यूडी के द्वारा टेंडर हुआ था । यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर किस कारण आज तक ठेकेदार द्वारा मुख्य पथ में इस पुलिया का निर्माण का कार्य शुरू नहीं कराया गया ।
शैलेन्द्र गढ़वाल अध्यक्ष, जिला परिषद