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सनातन महाकुंभ में लिया गया निर्णय, अब पर्वों में होगी एकरूपता Muzaffarpur News

बाबा गरीबनाथ मंदिर में सनातन महाकुंभ 2076 में जुटे मठ-मंदिरों के आचार्य व पुरोहित। जीवित्पुत्रिका व्रत 22 सितंबर विजयादशमी 8 अक्टूबर दीपावली 27 अक्टूबर को।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 09:34 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 09:34 AM (IST)
सनातन महाकुंभ में लिया गया निर्णय, अब पर्वों में होगी एकरूपता Muzaffarpur News
सनातन महाकुंभ में लिया गया निर्णय, अब पर्वों में होगी एकरूपता Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अखंड भारत पुरोहित महासभा की ओर से रविवार को बाबा गरीबनाथ मंदिर के सत्संग सभागार में आयोजित सनातन महाकुंभ 2076 में पर्वों की एकरूपता बनाए रखने का निर्णय लिया गया। इसमें आए आचार्य व पुरोहितों ने पर्वों की एकरूपता पर पिछले वर्ष धर्म संसद द्वारा लिए गए निर्णय को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। अध्यक्षता पंचांग निर्णय समिति व चाणक्य विद्यापति सोसायटी के अध्यक्ष पंडित विनय पाठक ने की। कहा कि सनातन पर्वों की एकरूपता से ही हम सभी आचार्य व पुरोहितों का सम्मान है।

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अगर पंचांगों में पर्वों की एकरूपता नहीं रहेगी, तो सनातन धर्म को मानने वाले लोग सभी पर्वों की खुशियां एक साथ नहीं मना पाएंगे। मालूम हो कि पिछले वर्ष दिसंबर माह में चाणक्य विद्यापति सोसायटी की ओर से धर्म संसद का आयोजन किया गया था। जिसमें 14 पर्वों की एकरूपता पर सहमति बनी थी। इसमें मिथिला व वाराणसी के पंचांग निर्माता भी पहुंचे थे।

विद्वतजनों ने एकमत होकर सभी प्रमुख पर्वों को एक दिन करने का निर्णय लिया था। पर्वों को लेकर एक कैलेंडर जारी की गई थी। इसके बाद होली से लेकर जन्माष्टमी तक जो भी पर्व हुए, सभी सनातन धर्म के मानने वालों ने एक साथ मिलकर पर्व मनाया। इसी तरह आने वाले चार मुख्य पर्व जीवित्पुत्रिका व्रत 22 सितंबर को, विजयादशमी 8 अक्टूबर को, दीपावली 27 अक्टूबर को और छठ महापर्व 2-3 नवंबर को मनाए जाएंगे।

कार्यक्रम संयोजक पंडित हरिशंकर पाठक ने अतिथियों का स्वागत किया। इसके पूर्व उद्घाटन पंडित विनय पाठक, पंडित शंभूनाथ चौबे, आचार्य नथुनी तिवारी, आचार्य अमित तिवारी, आचार्य संजय तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर चाणक्य विद्यापति सोसायटी की ओर से प्रो.एसके पाठक द्वारा संपादित संस्कार स्मारिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कृष्णा रानी उर्फ कृष्णा बम, सिरसिया मठ के महंत राघवेंद्र दास, प्रो.वीणा मिश्रा, डॉ.एस शेखर, अधिवक्ता अरुण पांडेय, भूषण झा, पं.अजयानंद झा, अभय चौधरी, पिंकू झा, आचार्य ब्रजेश तिवारी आचार्य अजय तिवारी, सीतामढ़ी से आए रामजानकी मठ के महंत राघवेंद्र दास आदि मौजूद रहे। संचालन पंडित शंभूनाथ चौबे व धन्यवाद ज्ञापन आचार्य अमित तिवारी ने किया। इस दौरान कई महत्वपूर्ण सुझाव भी आए।

ये रहे सुझाव

- जिले के सभी आचार्य व पुरोहितों की जारी की जाए डायरेक्टरी।

- धर्म संसद के निर्णय का ज्यादा से ज्यादा हो प्रचार। इसके लिए कैलेंडर जारी करे सोसायटी।

- हर साल हो धर्म संसद

- सामूहिक यज्ञोपवित की तरह हो सामूहिक विवाह। 


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