मुख्यमंत्री नीतीश का मिथिलांचल दौरा: कभी किसान तो कभी विशेषज्ञ की भूमिका में नजर आए सीएम Madhubani News
मधुबनी के राजनगर प्रखंड की सिमरा पंचायत में गरूवार को पहुंचे सीएम नीतीश कुमार। जल व हरियाली को बचाने की मुहिम में उन्होंने आज नई तकनीकों को गौर से देखा व सुना।
मधुबनी [प्रेम शंकर मिश्र]। शराबबंदी, बाल विवाह व दहेज उन्मूलन को लेकर नए समाज के निर्माण की बीड़ा उठाई। कुछ हद तक इसमें सफल भी हुए। अब देश के अन्य राज्य इसका अनुशरण कर रहे। जलवायु परिवर्तन के कारण जलस्तर में भारी कमी आने के बाद से मुख्यमंत्री की नई चिंता जीवन बचाने की है। इसके लिए जल-जीवन-हरियाली योजना की शुरुआत की। इसे जनता के बीच पहुंचाने के लिए अब जल-जीवन-हरियाली यात्र पर निकले हैं। इसके दूसरे चरण में वे गुरुवार को जिले के राजनगर प्रखंड की सिमरा पंचायत पहुंचे। जल व हरियाली को बचाने की मुहिम में उन्होंने आज नई तकनीकों को गौर से देखा व सुना।
राज्य में वनक्षेत्र को कैसे तेजी से बढ़ाया जाए इसके लिए जापानी अकीरा मियावाकी पद्धति के एक-एक पहलु की जानकारी ली। यहां की प्रदर्शनी में लगे पौधों की जानकारी डीएम शीर्षत कपिल अशोक से लेते रहे। यहां पांच प्रजाति के 264 पौधों लगे थे। एक-एक के बारे में जानकारी लेते हुए वे इस समय एक छात्र की भूमिका में नजर आए।
दीवारों पर वर्टिकल गार्डन बनाकर साग-सब्जी, फूल, सजावटी पौधे आदि उगाने, हाइड्रोफिल पोनिक विधि से बरामदा, बालकनी, मकान के छत तक पर उगाई जाने वाली साग-सब्जी, फूल, सजावटी पौधे की तकनीक भी देखी। डिप सिंचाई पद्धति से मलिं्चग एवं गैर-मलिं्चग विधि से की जाने वाली खेती का भी अवलोकन किया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विवि के स्टॉल पर कृषि की नई तकनीक के बारे में उन्होंने कुलपति डॉ. आसी श्रीवास्तव से जानकारी ली। एक किसान की तरह नए उपकरण, बीज की नई प्रजाति, पद्धति आदि के बारे में जानकारी ली। ये नई जानकारियां वे राज्य की जनता से अपनी यात्र में साझा करेंगे। ताकि, जीवन बचाने का यह अभियान सफल हो सके।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों की योजनाओं की हकीकत जानने के लिए लगे स्टॉलों का जायजा लिया। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, मिथिला चित्रकला संस्थान, उद्योग विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, जीविका, कृषि विभाग, समाज कल्याण विभाग आदि द्वारा बनाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया। जहां कमी नजर आई उसे दूर करने के निर्देश दिए। एक विशेषज्ञ के रूप में योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर भी कई बातें कहीं। यहां से वे दरभंगा के लिए प्रस्थान कर गए। इस आशा के साथ कि जिले के तालाबों का जीर्णोद्धार कर मिथिला की पहचान पग-पग पोखर मांझ मखान..कायम रहे।