विश्व विख्यात सोनपुर पशु मेले से दूर हुई चिड़ियों की चहचहाहट, ये हैं वजहें
कोर्ट के आदेशानुसार क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक ने कई बिंदुओं पर निर्देश दिए, हाथियों की खरीद-बिक्री पर निगरानी और सुरक्षा को लेकर रहेगा पुख्ता इंतजाम।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में चिडिय़ा बाजार नहीं सजेगा। प्रतिबंधित पक्षियों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। कोर्ट के आदेशानुसार क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक रविशंकर प्रसाद ने इस संबंध में पत्र जारी कर कई बिंदुओं पर निर्देश दिए हैं। वन्य प्राणी अधिनियम 1972 के वैधानिक प्रावधानों के तहत चिडिय़ा बाजार अनुज्ञा बंदोबस्ती नहीं करने का आदेश वन संरक्षक व डीएफओ को दिया गया है। टीम गठित कर इसकी निगरानी के भी निर्देश हैं।
उपलब्धि रहेंगे ट्रैकुलाजर गन
मेले में आनेवाले हाथियों के बेकाबू होने पर उन्हें काबू में करने के लिए ट्रैकुलाजर गन रहेंगे। हाथियों के उपचार के लिए चिकित्सक भी रहेंगे। पालतू हाथियों की अनुज्ञप्ति की भी जांच सख्ती से की जाएगी। अन्य प्रदेशों से आनेवाले हाथियों का पूरा ब्योरा तैयार किया जाएगा। रेलवे स्टेशन व मेले में निगरानी के लिए टीम बनाने का आदेश दिया गया है।
लोगों को जागरूक भी करेगा वन विभाग
प्रतिबंधित पशु-पक्षियों की खरीद-बिक्री पर रोक के लिए वन विभाग लोगों को जागरूक भी करेगा। मेले के मुख्य द्वार व अन्य जगहों पर जागरूकता संबंधी होर्डिंग्स व पोस्टर आदि लगाए जाएंगे। लोगों को वन्य प्राणी की महत्ता बताते हुए उनकी सुरक्षा की अपील की जाएगी। इस बारे में क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोनपुर मेले में चिडिय़ा बाजार नहीं लगाने का आदेश दिया गया है। हाथियों की सुरक्षा को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं।