केंद्र सरकार ने कहा, मुजफ्फरपुर रहने लायक शहर नहीं, आप भी ऐसा ही सोचते हैं क्या ?
केंद्र सरकार द्वारा जारी रहने लायक शहरों की सूची में मुजफ्फरपुर अंतिम पायदान पर। शहर को देशभर में 62वां स्थान मिला है। अंतिम पायदान पर शहर के आने पर नगर निगम कठघरे में है। जलजमाव जाम जर्जर सड़कें गंंदगी और पेयजल संकट से पिछड़ा शहर।
मुजफ्फरपुर, जासं। भले ही मुजफ्फरपुर शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त हो गया है, लेकिन यह रहने लायक नहीं है। सर्वेक्षण के आधार पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने देश में रहने लायक शहरों की जो रैंकिंग जारी की है, उसमें दस लाख से कम आबादी वाले शहरों में मुजफ्फरपुर अंतिम पायदान पर है। शहर को देशभर में 62वां स्थान मिला है। अंतिम पायदान पर शहर के आने पर नगर निगम कठघरे में है।
शहर जलजमाव, जाम, जर्जर सड़कें, गंंदगी व पेयजल संकट से जूझ रहा है। जलनिकासी की सुविधा नहीं होने से हर साल बारिश के पानी में डूब जाता है। करोड़ों खर्च के बाद भी आधी आबादी को पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य सड़कों की तो थोड़ी-बहुत सफाई हो जाती है, लेकिन गली-मुहल्लों में कूड़े का अंबार कई दिनों तक लगा रहता है। यही नहीं पांच लाख की आबादी वाले इस शहर में न तो एक ढंग का पार्क है और न ही ऑडिटोरियम। मनोरंजन का कोई केंद्र और ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी नहीं है। तमाम प्रयास के बाद भी नगर निगम की सुविधाएं हाईटेक नहीं हो पार्इं। प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने के लिए लोगों को निगम कार्यालय जाना पड़ता या तहसीलदार के आने का इंतजार करना पड़ता है। ऑनलाइन टैक्स जमा करने की सुविधा अभी तक उपलब्ध नहीं हो सकी है। शहर की समस्याएं दूर करने व जनसुविधाओं को विकसित करने के लिए योजनाएं बनीं और सरकार से राशि भी आवंटित हो गई, लेकिन ये जमीन पर नहीं उतर पा रही हैं।
स्मार्ट सिटी तो दिखना भी चाहिए स्मार्ट
मुजफ्फरपुर : प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार ने गुरुवार को अपने कार्यालय परिसर और संयुक्त भवन का औचक निरीक्षण किया। कई जगह पसरी गंदगी पर वे नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि जब स्मार्ट सिटी है तो इसे स्मार्ट भी दिखना चाहिए। उन्होंने प्रमंडल स्तरीय कमांड कार्यालय का भी जायजा लिया। साथ ही पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए। आयुक्त ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को कहा कि यहां नियमित रूप से साफ-सफाई कराएं। जो गंदगी है वह आगे से नहीं दिखनी चाहिए।
स्मार्ट सिटी व नगर निगम के अधिकारियों को भी सफाई को लेकर हिदायत दी। उन्होंने भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को संयुक्त भवन का रंग रोगन कराने का भी निर्देश दिया। इसके बाद वे भवन के कमरा नंबर 47 का जायजा लिया। यहां प्रमंडल स्तरीय कमांड कार्यालय बन रहा है। उन्होंने अधिकारी को भवन के रख रखाव व उसकी साज-सज्जा को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। परिसर व भवन में जगह-जगह पान व गुटखा थूकने की आदत पर रोक लगाने का निर्देश दिया। कहा, परिसर को तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाए। उन्होंने कहा,कमांड कार्यालय खुलने से सभी विभागों के साथ तालमेल बेहतर हो सकेगा। साथ ही कार्यों में सहूलियत भी होगी। उनके साथ आयुक्त के सचिव वरुण मिश्रा भी थे।
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