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मुजफ्फरपुर में एंटीजन किट कालाबाजारी का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा

मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट पटना के मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एवं बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है। दोषियों को बचाने का आरोप। मानवाधिकार अधिवक्ता ने ई-मेल से भेजी शिकायत।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 09:34 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 09:34 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में एंटीजन किट कालाबाजारी का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा
मानवाधिकार अधिवक्ता ने ई-मेल से भेजी शिकायत।

मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना जांच के लिए आईं सरकारी एंटीजन किटों को कालाबाजारी का मामला देश के शीर्ष न्यायालय में पहुंच गया है। इसके साथ ही जिला स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी मुख्य आरोपित सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार व सरैया के लैब टेक्नीशियन अमितेष कुमार को बचाने में जुटे हैैं। मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट पटना के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एवं बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है। आरोप लगाया कि पिछले दिनों एक मरीज ने सदर अस्पताल के जांच केंद्र पर लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए तड़पकर दम तोड़ दिया था। वहीं दूसरी ओर एंटीजन किट की कालाबाजारी हो रही है। 

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अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि इस मामले के आरोपित सदर अस्पताल के प्रबंधक की गिरफ्तारी नहीं हो रही। इससे साफ जाहिर है अगर वह पकड़ में आया तो कई चेहरे बेनकाब होंगे। नामजद आरोपित होने के बाद भी वह सदर अस्पताल में रहकर फर्जीवाड़ा के कागज दुरुस्त करने में जुटा है। पुलिस के काम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हस्तक्षेप कर रहे हैैं।

कोर्ट के बदले खुद ट्रायल कर बता रहे निर्दोष

अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि सकरा के प्रशिक्षु डीएसपी ने सात लोग को आरोपित बनाया है। चोरी के सामान को जब्त किया गया है। अब इसके बाद कोर्ट फैसला करेगा कि कौन सही और कौन गलत है। जो जानकारी आ रही उसके हिसाब से इस मामले में संरक्षण देने वाले अधिकारी खुद जज बनकर प्रबंधक को बचाने में जुट गए हैं। अगर ऐसा नहीं है तो चार-पांच दिन बीतने के बाद भी विभागीय कार्रवाई शून्य क्यो है?

अधिवक्ता ने बताया कि शहर में कोरोना मरीज उचित इलाज व संसाधन के अभाव में दम तोडऩे को मजबूर हैं। जिन्हें इलाज की जिम्मेदारी दी गई है उसमें से ही कुछ लोग कालाबाजारी के धंधे से जुड़कर मानवता को शर्मसार करने में लगे हैं। ये मानवाधिकार का उल्लंघन है। पुलिस द्वारा 4000 से अधिक सरकारी एंटीजन जांच किटों के अलावा बड़े पैमाने पर पीपीई किट, नेबुलाइजर, सैनिटाइजर, हैंड ग्लब्स आदि सामान जब्त किया गया है। अधिवक्ता ने कहा कि इधर कोरोना को लेकर हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में रोज सुनवाई चल रही है। इसलिए उन्होंने शीर्ष कोर्ट को इसकी जानकारी दी है। उम्मीद है कि इस पूरे मामले में जो भी आरोपित का बचाव करेंगे उनको कोर्ट संज्ञान लेकर सजा देगा।  


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