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बीआरएबीयू में शैक्षणिक माहौल निर्माण सबसे बड़ी चुनौती, स्थायी कुलपति की नितांत आवश्यकता Muzaffarpur news

सत्रों का नियमितिकरण आवेदन प्रमाणपत्रों की ऑनलाइन व्यवस्था प्रभार में पूरा कर पाना बड़ी बात! 30 मई को योगदान के बाद महज हफ्तेभर का ही समय विवि को दे पाए प्रो. राजेश।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 09:28 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 09:28 AM (IST)
बीआरएबीयू में शैक्षणिक माहौल निर्माण सबसे बड़ी चुनौती, स्थायी कुलपति की नितांत आवश्यकता Muzaffarpur news
बीआरएबीयू में शैक्षणिक माहौल निर्माण सबसे बड़ी चुनौती, स्थायी कुलपति की नितांत आवश्यकता Muzaffarpur news

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विवि इन दिनों प्रभार में चल रहा है। पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह इस विश्वविद्यालय के प्रभार में हैं। प्रभार के चलते दो-दो विश्वविद्यालयों की देखरेख का दायित्व उन्हें उठाना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय ऐसे वक्त से गुजर रहा है जब यहां स्थायी कुलपति की नितांत आवश्यकता है। आवेदन से लेकर फॉर्म भराने और महत्वपूर्ण परीक्षाओं का समय है। शैक्षणिक वातावरण का निर्माण, सत्रों का नियमितिकरण, आवेदन, प्रमाणपत्रों की ऑनलाइन व्यवस्था को सुदृढ़ करने की चुनौती है।

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  नैक में बेहतर ग्रेडिंग की प्राप्ति के लिए शिक्षण और शोध में गुणवत्ता का विस्तार के साथ विद्यार्थी और शिक्षक, अधिकारी तथा कर्मचारी में सद्भाव व तालमेल कायम रखना है। वैसे तीन नाम इस पद के लिए चर्चा में हैं। उनमें पटना विश्वविद्यालय में आरएसएस से जुड़े एक प्रोफेसर के अलावा दूसरे दावेदार का ताल्लुक लखनऊ से है। मगर बहुत संभव है कि प्रो. सिंह को पूर्ण प्रभार मिल जाए।

जरूरी आदेश-निर्देश पूर्णिया से

प्रभारी कुलपति जरूरी आदेश-निर्देश पूर्णिया से दे दिया करते हैं। 30 मई को यहां का प्रभार लेने के बाद गिनती के सात दिन रहे हैं। हालांकि, इस दौरान उन्होंने पूरा समय दिया। सुबह से देर रात तक मैराथन बैठकों का दौर चला। ज्वाइनिंग के साथ 31 मई को यहां रहे। इसके बाद 2, 3 जून को दो दिन के बाद फिर 8 व 9 जून को रहे। पुन: पांच दिनों के अंतराल पर 15 व 16 जून को रहे। फिलवक्त पूर्णिया में उनका समय गुजर रहा है।

छात्रों को उनके नहीं होने का मलाल

छात्रों को स्थायी कुलपति के नहीं होने का मलाल भी खटक रहा है। उनका कहना है कि अल्प समय में उन्होंने रात-दिन एक करके परीक्षा व रिजल्ट में सुधार के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष बसंत कुमार सिद्धू समेत अभाविप के संगठन मंत्री पुरुषोत्तम कुमार, छात्र लोजपा के विवि अध्यक्ष गोल्डेन सिंह, छात्र परिषद बिहार के नेता संकेत मिश्रा, छात्र जदयू के ठाकुर प्रिंस ने कहा कि वे अगर यहां स्टे करते हैं तो हमारे हिसाब से अच्छा कुलपति साबित होंगे।

   उनकी शैक्षणिक योग्यता और प्रशासनिक अनुभवों का विश्वविद्यालय को जरूर लाभ मिलेगा। इस बावत बीआरएबीयू प्रभारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि राजभवन ने जो जिम्मेवारी दी है उसका पालन ईमानदारी पूर्वक और कर्तव्यनिष्ठा के साथ कर रहा हूं। मैं प्रभार में ही बना रहूंगा या स्थायी तौर पर स्टे करूंगा यह बात मैं नहीं जानता हूं। वैसे प्रभार में होने के बावजूद जो काम कर रहा हूं उसका आकलन किया जा सकता है।

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