मुजफ्फरपुर में जदयू के अल्पसंख्यक सम्मेलन में गिनाई गईं सरकार की उपलब्धियां
नीतीश सरकार में अल्पसंख्यकों की हुई हर क्षेत्र में तरक्की। उनके लिए जो काम सौ वर्ष में नहीं हुआ, वो नीतीश सरकार में हुआ संभव।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जदयू के अल्पसंख्यक सम्मेलन में नीतीश सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए किए गए कार्यों का कशीदा पढ़ा गया। पटना से आई टीम के वक्ताओं ने नीतीश सरकार को अल्पसंख्यकों का सबसे बड़ा हितैषी बताया। रेडक्रास सभागार में वक्ताओं ने कहा कि अल्पसंख्यकों के विकास का कार्य जो सौ वर्ष में नहीं हुए वो नीतीश सरकार में हुआ। मदरसों का सरकारीकरण, उर्दू शिक्षकों की बहाली, अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन, स्वरोजगार ऋण, तलाक व विधवाओं को एक मुश्त राशि, कब्रिस्तान की घेराबंदी का काम नीतीश सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए किए गए प्रमुख काम हैं।
नीतीश सरकार अल्पसंख्यकों की हितैषी
अन्य पार्टियों ने अल्पसंख्यकों को सिर्फ वोट बैंक समझा, मगर नीतीश सरकार ने समुदाय के लिए कार्य किया। सम्मेलन के संयोजक सह अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव मो. सोहैल सिद्दीकी ने कहा कि नीतीश सरकार में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा हुई है। कल्याणकारी योजनाओं की वजह से अल्पसंख्यक हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। जिलाध्यक्ष इरफान अहमद दिलकश ने कहा कि नीतीश सरकार अल्पसंख्यकों की हितैषी है। मौके पर विधान पार्षद दिनेश सिंह, जिलाध्यक्ष हरिओम कुशवाहा, प्रकोष्ठ के महानगर अध्यक्ष अशरफ वारसी, पूर्व महानगर अध्यक्ष प्रो. शब्बीर अहमद, शब्बीर अब्बास, मो. जमाल, परवेज आलम समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।
जिलों में आवासीय अल्पसंख्यक विद्यालय
मदरसा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन युनूस हकीम ने कहा कि चार वर्षों में 2460 मदरसों को मंजूरी मिली। हर जिले में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे। महिला आयोग की सदस्य रजिया कामिल अंसारी ने कहा कि वोट मांगने नहीं, सरकार की उपलब्धियां बताने आए है। मौलाना उमर नूरानी ने कहा कि अल्पसंख्यकों को पार्टियों ने वोट बैंक समझ कर उपयोग किया। नीतीश सरकार अल्पसंख्यकों के लिए सोचती है।