Lockdown effect : दस दिनों के लॉकडाउन में कई व्यवसाय पूरी तरह ठप, मजदूरों का हो चुका यह हाल
Lockdown effect सराफा कपड़े ऑटोमोबाइल पेट्रोलियम बोतल बंद पानी गृह निर्माण सामग्री श्रृंगार- प्रसाधन कारोबार प्रभावित।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक के मद्देनजर जारी लॉकडाउन के 10 दिनों के भीतर कई व्यवसाय और उद्योग पूरी तरह ठप पड़ गए हैं। सराफा, कपड़े, ऑटोमोबाइल, पेट्रोलियम, बोतल बंद पानी, गृह निर्माण सामग्री, शृंगार- प्रसाधन कारोबार इससे प्रभावित है। अबतक अरबों के नुकसान का अनुमान है। आने वाले वक्त में नुकसान का दायरा और अधिक बढऩा भी तय है।
बोतलबंद पानी का व्यवसाय पूरी तरह ठप
जिले में बोतलबंद पानी का व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया है। जिले में रोजाना दो लाख रुपये की पानी की बोतलें बिकती थींं। यही हाल सराफा कारोबार का है। रोजाना 15 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। शृंगार- प्रसाधन का 50 करोड़ और किराना कारोबारी रोजाना 50 करोड़ की क्षति उठा रहे हैं।
बेकरी और बिस्किट उद्योग भी ठप
जिले में आटोमोबाइल का रोजाना का कारोबार 60 से 80 करोड़ रुपये, पेट्रोल-डीजल का तीन करोड़, रेडीमेड समेत कपड़ा निर्माण और बिक्री के 40 करोड़, दवा का 10 करोड़, बस का 30 करोड़, ट्रक का 10 करोड़, ऑटो का 50 लाख, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग 100 करोड़, बीज कीटनाशी का 50 लाख, गृह निर्माण सामग्री का 100 करोड़ और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद का 10 से 12 करोड़ का रोजाना का व्यवसाय रहा है। बेकरी और बिस्किट उद्योग भी ठप है।
बाजार पर इसका काफी असर
नॉर्थ बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के मीडिया प्रभारी सज्जन शर्मा ने बताया कि कोरोना के चलते व्यवसाय ठप हो गया है। इसका असर सभी सेक्टर पर पड़ा है। आने वाले कई महीनों तक बाजार पर इसका काफी असर दिखेगा। लेकिन, सबसे बड़ी जरूरत मानवता की सेवा है। लोग जितना अधिक लॉकडाउन का पालन करेंगे, उतनी जल्दी कोरोना के प्रभाव से मुक्ति पाएंगे। वहीं उन्होंने कहा कि जल्द ही तस्वीर बदलेगी और बाजार फिर गुलजार होगा।