दरभंगा में गुरु-शिष्य के रिश्ते को कलंकित करने वाले शिक्षक को उम्रकैद, छात्रा से बनाया था जबरन संबंध
Darbhanga Crime बच्ची के पुनर्वास के लिए पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत छह लाख रुपये भुगतान करने का भी दिया फैसला जुर्माना राशि भी पीडि़ता को देने का आदेश। हायाघाट के 2018 की घटना पांचवें साल में आया फैसला।
दरभंगा, जासं। नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म कर गुरु-शिष्या के रिश्ते को कलंकित करनेवाले हाफिज मुजीबुर्रहमान को पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर की अदालत ने मंगलवार को सश्रम उम्रकैद (ताउम्र) की सजा सुनाई। कोर्ट ने हाफिज को 50 हजार रुपये अर्थदंड चुकाने का भी आदेश दिया है। अदालत ने ब'ची के पुनर्वास के लिए पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत छह लाख रुपये भुगतान करने का निर्णय पारित किया है। साथ ही जुर्माना राशि पचास हजार रुपये भी पीडि़ता को देने का आदेश दिया है।
विशेष प्रभारी लोक अभियोजक अमर प्रकाश ने बताया कि हायाघाट थानाक्षेत्र में अब से तीन साल 10 माह पूर्व 17 जुलाई 2018 को ट्यूशन पढ़ानेवाले एक शिक्षक के द्वारा एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया था। छात्रा को गंभीर स्थिति में स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। वहां से उसे डीएमसीएच लाया गया, जहां उसकी चिकित्सा चली। इस मामले में प्राथमिकी संख्या- 70/18, 18 जुलाई को भारतीय दंड विधान की धारा -376 और 4/6 पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई थी।
घटना के तीसरे दिन हो गई थी आरोपित की गिरफ्तारी
बता दें कि घटना के तीसरे दिन 19 जुलाई 2018 को पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर अदालत में प्रस्तुत किया। कोर्ट ने से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। कोर्ट ने 12 अक्टूबर 2018 को मामले में कोर्ट ने संज्ञान लिया। पांच नवंबर 2018 को धारा 376 ए, बी, 506 भादवि एवं पाक्सो एक्ट की धारा-06 में आरोप गठन कर विचारण प्रारंभ किया। अभियोजन पक्ष की ओर आठ गवाह और 12 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर आरोपों की संपुष्टि की गई।
इस बीच विशेष न्यायाधीश विनयशंकर ने भादवि की धारा 376(3) और पाक्सो ऐक्ट की धारा- 6 सह पठित धारा 5 (1) के तहत हाफिज मुजीबुर्रहमान को गत छह मई 2022 को दोषी करार दिया। अदालत ने मंगलवार को अभियुक्त का सजा निर्धारण के बिंदु पर अभियोजन और बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद न्यायालय में मौजूद दुष्कर्मी को भादवि की धारा 376 (3) में सश्रम आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक) जेल में बिताने का फैसला सुनाया। वहीं पाक्सो एक्ट की धारा- 6 में 25 वर्ष की सजा भुगतने का आदेश दिया है। सजा सुनाए जाने के बाद शिक्षक चुपचाप कोर्ट से निकला और जेल चला गया। वहीं पीडि़त पक्ष में संतोष देखा गया।