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सेवाशर्त को लेकर शिक्षक आक्रोशित, कहा- आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को सबक सिखाएंगे

व्यवस्था की कमियों पर विरोध जताने के लिए नियोजित शिक्षकों ने की ऑनलाइन बैठक। कहा- सरकार चुनावी समय में शिक्षकों को झुनझुना थमाकर पार करना चाहती है चुनावी नैया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 03:13 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 03:13 PM (IST)
सेवाशर्त को लेकर शिक्षक आक्रोशित, कहा- आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को सबक सिखाएंगे
सेवाशर्त को लेकर शिक्षक आक्रोशित, कहा- आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को सबक सिखाएंगे

दरभंगा, जेएनएन। कोरोना महामारी के बीच जारी लॉकडाउन अवधि में आए नियोजित शिक्षकों के लिए जारी सेवाशर्त में ठगे जाने से शिक्षकों का आक्रोश चरम पर है और वे आंदोलन के मूड में आ चुके हैं। लेकिन, गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देश को ध्यान में रखते हुए अब उन्होंने आंदोलन के आधुनिक तरीकों को अपनाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के आह्वान पर प्रखंडवार शिक्षकों की बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई।

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शिक्षकों की मांगों को पूरी करे सरकार

संघ के जिलाध्यक्ष प्रमोद मंडल और कार्यकारिणी सदस्य सोनू मिश्रा ने अलीनगर केवटी जाले सदर किरतपुर हायाघाट और बिरौल के शिक्षकों की बैठक में शिरकत किए तो जिला प्रवक्ता धनंजय झा ने बहेड़ी, उपाध्यक्ष राशिद अनवर ने गौड़ाबौराम, उपाध्यक्ष डॉ. रणधीर राय ने बेनीपुर, जिला सचिव मो. ताजुद्दीन ने तारडीह, राजीव पासवान ने हनुमाननगर, कार्यकारिणी सदस्य प्रवीण नायक ने बहादुरपुर के बैठक को संबोधित किया। बैठक में सभी शिक्षकों ने एकमत से एकस्वर में यह प्रतिबद्धता दोहराई की सरकार के पास अभी भी मौका है। वे शिक्षकों की मांगों को पूरी करे। अन्यथा शिक्षक आगामी चुनाव में सरकार को सबक सिखाएंगे और जो राजनीति दल उनकी मांगों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगी। वे उसका समर्थन करेंगे।

शिक्षक सड़कों पर संघर्ष कर रहे

संघ के जिलाध्यक्ष प्रमोद मंडल, उपाध्यक्ष राशिद अनवर, डॉ. रणधीर राय, अरुण कुमार, प्रवक्ता धनंजय झा ने कहा कि अभी भी वक्त है सरकार शिक्षकों की मांगें पूरी करे अन्यथा शिक्षक अपने अपमान का बदला निश्चित रूप से लेंगे। काफी लंबे समय से अपनी मांगों के समर्थन में शिक्षक सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं और सरकार ने लगातार उनकी मांगों को अनसुना किया है। पांच वर्ष में सरकार को शिक्षकों की कभी याद नहीं आई और अब चुनावी समय में वह शिक्षकों को झुनझुना थमाकर चुनावी नैया पार करना चाहती है।

शिक्षकों को नियोजनवाद से अलग करें

वहीं संघ के कोषाध्यक्ष शिबली अंसारी, जिला सचिव मो. ताजुद्दीन, राजीव पासवान, सोनू मिश्रा, प्रवीण नायक व रंजन पासवान ने कहा कि सरकार को वित्तीय मांगें पूरी करने में अगर समस्या थी तो गैर वित्तीय मांगों को तो पूरा करती है। आखिर कबतक बिहार के युवा नौजवान नियोजनवाद का दंश झेलते रहेंगे। सरकार को शिक्षकों को नियोजनवाद और पंचायती व्यवस्था से अलग करना चाहिए। वही संघ के कार्यकारी जिला महासचिव रंजीत यादव, मो. वलिउर रहमान खान व मुकेश पौद्दार ने कहा कि टीईटी व एसटीईटी शिक्षकों को ठगकर सरकार प्रतिभा का अपमान कर रही है उसे अन्य राज्यों के भांति बिहार में टीईटी व एसटीईटी शिक्षकों को सहायक शिक्षक और राज्यकर्मी का दर्जा देना चाहिए। अन्यथा बीएड योग्यताधारी छात्र युवा इस सरकार के विरोध में मतदान करेंगे। 


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