किसानों के बहाने अपना ‘वजन बढ़ाने’ एक मंच पर आए नेता, उठाया कर्ज माफी का मुद्दा
महापंचायत में किसानों की समस्याओं पर हुई चर्चा, निदान के लिए एकजुटता पर दिया गया बल। केंद्र सरकार पर साधा निशाना।
पूर्वी चंपारण, जेएनएन। निगाहें कहीं, निशाना कहीं। राजनेताओं से बेहतर इसका इस्तेमाल और कौन कर सकता है। शनिवार को पूर्वी चंपारण के ढाका हाईस्कूल मैदान में आयोजित स्व. चैधरी चरण सिंह की 116वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किसान महापंचायत में कुछ ऐसा ही दिखा। यहां वे नेता दिखे जो लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजग और महागठबंधन में से किसी भी गुट में अपने लिए अब तक स्थान सुरक्षित नहीं कर सके हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को किसान विरोधी बताया। उसे कोसा। कर्ज माफी से लेकर किसानों के हित के लिए तरह-तरह की बातें कीं, लेकिन यहां उपस्थित जनसमूह के माध्येम से अपनी शक्ति का एहसास दोनों को गुटों का कराना चाहा।
केंद्र में जुमले वाली सरकार
यहां पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोद नेता चौधरी अजीत सिंह ने कहा कि गठबंधन की सरकार बनी तो किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। केंद्र में जुमलों की सरकार बैठी है। यह वादों को पूरा नहीं कर सकी। जनता इनकी कथनी और करनी को पहचान चुकी है। कहा कि मोदी सरकार ने अच्छे दिन लाने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हुआ। एक सरकार ने घोटालेबाज पूंजीपतियों को ऋण देने का काम किया तो मोदी सरकार में ये पूंजीपति देश का धन लूटकर भाग गए। केंद्र की सरकार कुछ नहीं कर सकी।
सरकार को हटाने का आह्वान
केंद्र व राज्य की सरकार ने यहां के किसानों का वोट लेकर वादाखिलाफी की है। देश में नोटबंदी के बाद छोटी पूंजी वालों का धंधा चैपट हो गया। प्रतिवर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने की घोषणा कागजी साबित हुई। राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सुशासन बाबू की सरकार में भ्रष्टाचार व अपराध चरम पर पहुंच गया है। किसानों के माली हालात की चर्चा करते हुए कहा कि किसानों के द्वारा उत्पादित अनाज का उचित मूल्य नहीं मिलता है। उन्होंने किसानों से आपसी गोलबंदी के साथ डबल इंजन की सरकार को हटाने के लिए आवाज लगाई।
उचित मूल्य पर हो सिंचाई की व्यवस्था
इस क्रम में पूर्व सांसद लवली आंनद ने कहा कि सरकार किसानों का कर्ज माफ करे, उचित मूल्य पर किसानों को सिंचाई के लिए पानी, बिजली, कृषि उपकरण दे। डबल इंजन की सरकार शिवहर में एक रेल का इंजन भी नहीं ला सकी, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार से सीतामढ़ी, शिवहर वाया मोतिहारी रेलखंड निर्माण, अदौरी, फुलवरिया और बेलवाघाट में पुल का निर्माण, ढाका को जिला एवं शिकारगंज एवं कुंडवाचैनपुर को प्रखंड का दर्जा दिलाने सहित 12 सूत्री मांगों को उठाया।
जहानाबाद के सांसद प्रो. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था चैपट हो गई है। राज्य मुख्यालय में रंगदारी व अपराध की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। पूर्व सांसद आनंद मोहन की चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें राजनेताओं के इशारे पर कालकोठरी में बंद किया गया है। राज्य में अधिकांश चीनी मिलें बंद हो गई हैं। शिक्षा व्यवस्था की चर्चा करते हुए कहा कि हाल ही में शिक्षा मंत्री ने बयान दिया कि राज्य में 50 हजार फर्जी शिक्षक हैं। जब सिस्टम सही था तो फर्जी शिक्षक कहां से आ गए। स्वास्थ्य विभाग का पूरा सिस्टम फेल हो गया है।
फ्रेंड ऑफ आनंद के कार्यकारी अध्यक्ष चेतन आनंद ने कहा कि जिले से कृषि मंत्री एवं सहकारिता मंत्री होने के बाद भी यहां के किसानों की माली हालात नहीं बदली। सूखा होने के बाद भी इस जिले को सूखाग्रस्त घोषित नहीं गया। यहां के किसानों को अपमानित करने का काम किया गया है।