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Sushant Singh Rajput's death case: परिवाद खारिज के विरुद्ध हाई कोर्ट में अपील दाखिल

Sushant Singh Rajput Death अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने सीजेएम कोर्ट में दाखिल किया था परिवाद। सीजेएम कोर्ट से परिवाद खारिज होने के बाद एडीजे-प्रथम के कोर्ट में दाखिल की गई थी अपील की अर्जी। एडीजे-प्रथम के कोर्ट ने खारिज कर दी थी अपील अर्जी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 10:17 AM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 10:17 AM (IST)
Sushant Singh Rajput's death case: परिवाद खारिज के विरुद्ध हाई कोर्ट में अपील दाखिल
एडीजे-प्रथम के कोर्ट ने खारिज कर दी थी अपील अर्जी।

मुजफ्फरपुर, जासं। Sushant Singh Rajput Death: फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले को लेकर दाखिल परिवाद के खारिज करने के विरुद्ध में हाई कोर्ट में अपील अर्जी दाखिल की गई है। यह अपील अर्जी सीजेएम व एडीजे-प्रथम के कोर्ट से परिवाद के खारिज होने के विरुद्ध अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दाखिल की है। इसमें फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर, आदित्य चोपड़ा, संजय लीला भंसाली, एकता कपूर, भूषण कुमार, दिनेश विजयान अभिनेता सलमान खान, बिहार सरकार व सीबीआइ दिल्ली को प्रतिवादी बनाया गया है।

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सीजेएम व एडीजे-प्रथम के कोर्ट से परिवाद हो चुका खारिज 

पिछले साल 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने 17 जून को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीजेएम के कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। इसमें फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर सहित आठ फिल्मी हस्तियों को आरोपित बनाया था। उन्होंने सभी पर आरोप लगाया था कि इन लोगों के उत्पीडऩ से परेशान होकर सुशांत सिंह राजपूत ने खुदकुशी कर ली थी। परिवाद की सुनवाई के बाद अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताते हुए सीजेएम ने पिछले साल आठ अगस्त को इसे खारिज कर दिया था। सीजेएम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ उन्होंने जिला जज के कोर्ट में अपील अर्जी दाखिल की। जिला जज ने इस अर्जी को सुनवाई के लिए एडीजे-प्रथम के कोर्ट में स्थानांतरण कर दिया था। इस अपील अर्जी की सुनवाई के बाद एडीजे-प्रथम के कोर्ट ने इस साल 26 अप्रैल को इसे खारिज कर दिया। अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि एडीजे-प्रथम के कोर्ट में सुनवाई के दौरान सभी आरोपितों की ओर से उनके अधिवक्ता उपस्थित हुए थे।  

शहीद खुदीराम बोस के फांसी स्थल को जेल से अलग करने की मांग

जासं, मुजफ्फरपुर : नागरिक मोर्चा ने शासन एवं प्रशासन से शहीद खुरीराम बोस के फंसी स्थल को आमलोगों के दर्शन के लिए जेल से अलग करने की मांग की है। मोर्चा के महासचिव मोहन प्रसाद सिन्हा ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि आजादी के 74 साल बाद भी शहीद खुदीराम बोस का फंसी स्थल जेल की चाहरदीवारी में कैद है। बलिदान दिवस पर भी शहरवासी फांसी स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने से वंचित रह जाते हंै। चंद लोग ही जेल के अंदर प्रशासन की अनुमति से जा पाते हैं। बाहर से आने वाले लोगों में यह काफी जिज्ञासा रहती है कि वे फंसी स्थल को नमन करें लेकिन उनको यह अवसर प्राप्त नहीं हो पाता। नागरिक मोर्चा सालों से फंसी स्थल को जेल से अलग करने की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि मोर्चा द्वारा इसी मांग को लेकर 18 जुलाई को शहीद स्मारक पर सत्याग्रह किया जाएगा।


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