West Champaran: बगहा में घूसखोर ईओ की गिरफ्तारी व फरारी मामले में निगरानी डीएसपी ने कर्मियों से की पूछताछ
कर्मियों से 12 फरवरी को हुए संपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी ली गई। इस दौरान प्रधान सहायक कृष्णा सिंह नेपाली कर्मी सुलेमान अंसारी नवीन कुमार श्रीवास्तव ऑपरेटर पप्पू कुमार चालक लड्डू उर्फ गुड्डू खान के साथ अन्य करीब आधा दर्जन कर्मियों से उस दिन के घटना के संबंध में पूछताछ की।
पश्चिम चंपारण, जासं। नगर पंचायत के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी जितेन्द्र सिन्हा की घूसखोरी मामले में गिरफ्तारी और फिर मौके से फरार हो जाने के मामले में शनिवार को अनुसंधान के लिए पटना से निगरानी के डीएसपी मनोज कुमार श्रीवास्तव रामनगर पहुंचे। उन्होंने नपं कार्यालय पहुंचकर कर्मियों का बयान को दर्ज किया। कर्मियों से 12 फरवरी को हुए संपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी ली गई। इस दौरान प्रधान सहायक कृष्णा सिंह नेपाली, कर्मी सुलेमान अंसारी, नवीन कुमार श्रीवास्तव, ऑपरेटर पप्पू कुमार, चालक लड्डू उर्फ गुड्डू खान के साथ अन्य करीब आधा दर्जन कर्मियों से उस दिन के घटना के संबंध में पूछताछ की। साथ हीं सभी के बयान को कलमबद्ध किया। साथ हीं घटना के दौरान की स्थिति कार्यालय के हालत आदि का जायजा लिया। पूर्व प्रधान सहायक प्रसिद्ध तिवारी के एरियर से संबंधित कागजातों की पड़ताल भी की। इस मौके पर कार्यपालक पदाधिकारी आलोक कुमार, नगर सिटी मैनेजर अभय कुमार निराला, मुख्य पार्षद प्रतिनिधि नागेन्द्र साह, उप मुख्य पार्षद प्रतिनिधि अरमान खान, स्थानीय थाने से एएसआई रामानुज कुमार के साथ अन्य कर्मी मौजूद थे। डीएसपी ने बताया कि घटना दिन मौजूद लोगों से पूछताछ की गई।
संबधित रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाएगी। इस क्रम में औपचारिक रूप से मुख्य पार्षद प्रतिनिधि व उप मुख्य पार्षद प्रतिनिधि से डीएसपी ने बातचीत की। करीब तीन घंटे चली पूछताछ के दौरान नपं कार्यालय में गहमागहमी बनी रही। उल्लेखनीय है कि फरवरी के 12 तारीख को निगरानी के धावा दल के द्वारा नगर पंचायत के ईओ जितेन्द्र सिन्हा को 20 हजार रुपये के साथ कार्यालय से गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इस सूचना पर पहुंचे पार्षदों ने ईओ को निर्दोष बताते हुए इस कार्रवाई का विरोध किया। इसी क्रम में ईओ फरार हो गएं। कार्यपालक पदाधिकारी के मामले में निगरानी विभाग में 11 फरवरी को मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि नपं के पूर्व प्रधान सहायक प्रसिद्ध नाथ तिवारी से एरियर की राशि निकासी के लिए ईओ ने 30 हजार रुपये की मांग की थी। जिसकी शिकायत तिवारी ने निगरानी विभाग में की थी। इसी राशि में से 20 हजार रुपये तिवारी ईओ को दे रहे थे।