ग्राहकों का मिल रहा सहयोग, धीरे-धीरे लौट रही भवन निर्माण सामग्री कारोबार की रौनक
कोरोना वायरस ने मानव जीवन के साथ सभी व्यवसायों पर भी व्यापक असर डाला है। इसको लेकर लॉकडाउन के दौरान छह महीने में हुए नुकसान ने व्यवसायियों की कमर तोड़ दी है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से स्थिति सामान्य होने पर दुकानों पर ग्राहक पहुंचने लगे हैं।
मुजफ्फरपुर। कोरोना वायरस ने मानव जीवन के साथ सभी व्यवसायों पर भी व्यापक असर डाला है। इसको लेकर लॉकडाउन के दौरान छह महीने में हुए नुकसान ने व्यवसायियों की कमर तोड़ दी है। भवन निर्माण सामग्री से जुड़े दुकानदारों पर अभी मंदी की मार है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से स्थिति सामान्य होने पर दुकानों पर ग्राहक पहुंचने लगे हैं। लेकिन, अभी पहले जैसी बात नहीं है। शहर से सटे दादर स्थित शुभ लाभ इंटरप्राइजेज के संस्थापक पंकज कुमार और निटको टाइल्स के सेल्स एग्जीक्यूटिव अमित रंजन बताते हैं कि लॉकडाउन में शुरुआत में भवन निर्माण संबंधी कार्य में कुछ दिनों तक छूट दी गई थी। लेकिन, ट्रांसपोर्ट बंद होने से माल उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। ग्राहक फोन से ही डिमांड कर रहे थे, लेकिन उन्हें सामान उपलब्ध नहीं करा पा रहे थे। हालांकि जिन सामान का स्टॉक था फोन पर ऑर्डर आने पर प्रशासन की ओर से निर्धारित समय में ही उसकी आपूर्ति ग्राहकों को कराई जा रही थी। कुछ ग्राहक दुकान पर भी पहुंच रहे थे। उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सैनिटाइजर मशीन लगाई गई। साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था की गई। एक-एक ग्राहक को दुकान में प्रवेश के साथ शारीरिक दूरी का पालन किया गया। सभी कर्मचारियों को मास्क व ग्लव्स दिए गए। जो ग्राहक बगैर मास्क आए उन्हें भी दिया गया। ग्राहकों को फोन पर दुकान खुलने की दी जाती रही जानकारी : प्रशासन की ओर से दुकान खुलने के समय में बार-बार बदलाव किया जा रहा था। ऐसे में ग्राहकों को परेशानी नहीं हो इसके लिए सोशल साइट्स, वाट्सएप और फोन कर दुकान खुलने व बंद होने की जानकारी दी जा रही थी। ग्राहकों ने किया सहयोग, दिया बकाया : लॉकडाउन में ग्राहकों ने काफी सहयोग किया। कई ग्राहकों ने स्थिति को समझते हुए पुराना बकाया चुकता कर दिया। इससे कुछ हद तक परेशानी कम हुई। 80 फीसद ग्राहक कर रहे डिजिटल पेमेंट : लॉकडाउन और इसके बाद से दुकान पर आने वाले ग्राहकों में 80 फीसद अब ऑनलाइन भुगतान ही कर रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा भी कम रहता है। इस वित्तीय वर्ष में घाटे से उबरना मुश्किल : 12 वर्षो से भवन निर्माण सामग्री के व्यवसाय से जुड़े पंकज बताते हैं कि नोटबंदी के समय भी कुछ प्रभाव पड़ा था। लेकिन, ऐसा नुकसान कभी नहीं झेलना पड़ा। अबतक माल पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है। इससे यदि स्थिति सामान्य भी हो जाती है तो इस वित्तीय वर्ष में घाटे से उबर पाना मुश्किल है। कम हो गई बालू की सप्लाई, सीमेंट हो गई खराब : बैरिया स्थित भवानी टेडर्स के प्रोपराइटर प्रकाश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में निर्माण कार्य बंद होने के बाद गोदाम में पड़ी सीमेंट में से 10 फीसद खराब हो गई। का। जुलाई के बाद से निर्माण कार्य शुरू हुए। लेकिन, बालू की सप्लाई पूरी तरह से प्रभावित हो गई। इससे ग्राहकों को निर्माण कार्य में परेशानी हो रही है। जिन दुकानदारों के पास पहले का स्टॉक है वे अधिक दाम लेकर इसे बेच रहे हैं। बाजार में अभी मांग से 50 फीसद ही निर्माण संबंधित सामान की आपूर्ति हो पा रही है। आगे दो-तीन महीने तक इसी प्रकार की किल्लत रहने की उम्मीद है। क्योंकि, दूसरे प्रदेश के अधिकतर कारखाने व एजेंसियां अभी बंद हैं। व्यवसाय को ऑनलाइन लाने की तैयारी : लॉकडाउन की अवधि में ग्राहकों ने इंटरनेट के माध्यम से दुकान का पता लेकर फोन किया और करीब 40-50 ग्राहकों ने ऑर्डर भी दिए। इसको देखते हुए अब दुकान को ऑनलाइन संचालित करने पर भी विचार हो रहा है। वेबसाइट है, लेकिन अब ऑनलाइन ऑर्डर भी लिए जाएंगे। ग्राहकों का डाटा कर रहे जमा : भविष्य में इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए अभी से ग्राहकों का डाटा संग्रहित किया जा रहा है। ताकि जो नियमित ग्राहक हैं उनसे फोन और सोशल साइट्स के माध्यम से भी जुड़े रह सकें। सितंबर से लौटी रौनक : लॉकडाउन के बाद से दुकान पर सन्नाटा ही दिखता था। सितंबर के पहले सप्ताह से ग्राहकों का पहुंचना शुरू हुआ। अब ग्राहक बढ़ने लगे हैं। अभी उनकी सुरक्षा को देखते हुए दुकान में प्रबंध किए गए हैं। प्रशासन की ओर से जारी दिशानिर्देशों भी जगह-जगह लगाए गए हैं। साथ ही शारीरिक दूरी का पालन करने को भी जागरूक किया जा रहा है। 40-50 ऑर्डर हो गए वापस : लॉकडाउन के बाद से कुछ ग्राहकों ने काम बंद करा दिया। इससे उनके ऑर्डर भी वापस करना पड़े। वहीं, काफी ग्राहकों ने धैर्य रखते हुए स्थिति सामान्य होने पर अपना सामान लिया।