Move to Jagran APP

मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी सुगौली को नहीं मिला अनुमंडल का दर्जा

East Champaran News 1952 में सुगौली को प्रखंड का दर्जा प्राप्त हुआ। तब से लेकर आज तक सुगौली विकास के क्षेत्र में उपेक्षित रहा है। जनसंख्या के दृष्टिकोण से देखा जाए तो 2011 की जनसंख्या के आधार पर जिले में चौथे नंबर पर सुगौली है।

By Murari KumarEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 10:12 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 10:12 AM (IST)
मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी सुगौली को नहीं मिला अनुमंडल का दर्जा
मोतिहारी । सुगौली संधिस्थल पर स्थापित मंदिर।

पूर्वी चंपारण, अमरेंद्र कुमार।  सुगौली एक ऐतिहासिक जगह है। आज से 204 वर्ष पूर्व 4 मार्च 1816 में इसी स्थान पर भारतीय ब्रिटिश सरकार एवं नेपाल सरकार के बीच सीमाई क्षेत्र का समझौता हुआ था। 1952 में सुगौली को प्रखंड का दर्जा प्राप्त हुआ। तब से लेकर आज तक सुगौली विकास के क्षेत्र में उपेक्षित रहा है। पचास हजार से अधिक जनसंख्या वाले सुगौली शहर में एक भी डिग्री काॅलेज एवं रेफरल अस्पताल नहीं है और न ही सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है। जिला परिषद द्वारा सड़क के किनारे दुकानें बनाकर सड़क को संकीर्ण किया जा रहा है। जबकि अब तक सुगौली को अनुमंडल हो जाना चाहिए।

loksabha election banner

जनसंख्या के दृष्टिकोण से देखा जाए तो 2011 की जनसंख्या के आधार पर जिले के मुख्य शहर मोतिहारी, रक्सौल एवं ढाका के बाद चौथे नंबर पर सुगौली है। फिर भी अपेक्षाकृत कम जन संख्या वाले अरेराज, चकिया एवं पकड़ीदयाल शहर को अनुमंडल का दर्जा मिल गया। वहीं सुगौली इस लाभ वंचित है। सुगौली की एक सामाजिक संस्था जन जागरण मंच व अन्य समाजसेवियों की उत्प्रेरणा से इस विधानसभा क्षेत्र की जनता वर्ष 2011 से ही लगातार रघुनाथपुर को प्रखंड एवं सुगौली को अनुमंडल का दर्जा दिलाने के लिए मांग करती आ रही है। इसके लिए आवाम के सहयोग से मंच द्वारा गांधीवादी तरीके से कई कार्यक्रम भी किए गए है एवं जागरुकता अभियान भी चलाया गया।

 विदित हो कि उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार प्रखंड विकास पदाधिकारी, सुगौली ने अनुमंडल के गठन से संबंधित सभी विवरणी नक्शा के साथ जिला मुख्यालय को भेज दिया है। साथ ही सुगौली को अनुमंडल एवं रघुनाथपुर प्रखंड के दर्जा हेतु प्रखंड पंचायत समिति की बैठक व नगर पंचायत समिति की बैठक में भी प्रस्ताव पारित कर जिला मुख्यालय को भेज दिया गया।जनता की मांग को देखते हुए 9 मई 2014 को लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने स्थानीय चुनावी घोषणा पत्र में एवं 25 अक्टूबर 2015 को  सुशील मोदी ने सुगौली को अनुमंडल एवं रघुनाथपुर को प्रखंड का दर्जा दिलाने की घोषणा कर चुके हैं।

 इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि सुगौली अनुमंडल सरकार के पास प्रस्तावित सूची में सूचीबद्ध है। इन सबके बावजूद अभी तक सुगौली को अनुमंडल का दर्जा नहीं मिल सका है। समाजसेवी अखिलेश कुमार मिश्रा उर्फ बबलू मिश्रा, मधुरेन कुमार, केपी भारती, डीके आजाद, उदय प्रकाश श्रीवास्तव, ऐनुल हक, बबलू पांडेय,राजा सिंह,शिकारी मिस्त्री, टिंकू शर्मा, राजेश पांडेय सहित कई लोगों ने कहा कि इसको लेकर लगातार संघर्ष चलता रहेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.