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मिथिला व संस्कृत विवि में स्नातक और पीजी में नामांकन के लिए छात्रों को करना होगा इंतजार

बिहार के कई विवि में स्नातक और पीजी में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू है। मिथिला व संस्कृत विवि में नामांकन की प्रक्रिया अभी ठंडे बस्ते में। जानिए क्या है कारण...

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 05:22 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 05:22 PM (IST)
मिथिला व संस्कृत विवि में स्नातक और पीजी में नामांकन के लिए छात्रों को करना होगा इंतजार
मिथिला व संस्कृत विवि में स्नातक और पीजी में नामांकन के लिए छात्रों को करना होगा इंतजार

दरभंगा, जेएनएन। बिहार के कई विश्वविद्यालय में स्नातक और पीजी कोर्सों में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई। छात्रों को नामांकन के लिए अगस्त तक का समय दिया गया है। बिहार व सीबीएसई बोर्डों की 12वीं के परीक्षा परिणाम आने के बाद नामांकन की प्रक्रिया को तेज कर दी गई है।  बिहार के ही मगध विश्वविद्यालय में वोकेशनल कोर्सों में नामांकन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। लेकिन, ललित नारायण मिथिला व कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयों में स्नातक और पीजी कोर्सों में नामांकन के लिए छात्रों को अभी लंबा इंतजार करना होगा। मिथिला व संस्कृत विवि में नामांकन की प्रक्रिया अभी ठंडे बस्ते में है। दोनों विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपति नहीं होने का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। मालूम हो कि कुलपति डॉ. राजेश ङ्क्षसह के पास तीन विश्वविद्यालयों का प्रभार है। स्थाई कुलपति नहीं होने के कारण दोनों विश्वविद्यालयों में कई कार्य में देरी हो रही है।

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लॉकडाउन के बाद किया जाएगा विचार  

दोनों विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों का कहना है कि अभी नामांकन की प्रक्रिया को लेकर कोई पहल नहीं की गई है। लॉकडाउन हटने के बाद नामांकन की प्रक्रिया को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। अगर अभी नामांकन की प्रक्रिया को शुरू कर भी दी जाती है, तो भी नामांकन तिथि को बार-बार बढऩा पड़ेगा।  विश्वविद्यालय के कई कॉलेज ग्रामीण क्षेत्र में आते हैं। सब बच्चों के पास अपना लेपटॉप नहीं है। साइबर कैफे खुलने के बाद ही बच्चे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अगर, अभी लॉकडाउन के बीच नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर भी दी जाती है, तो बार-बार नामांकन की तिथि बढ़ाने से किया फायदा। जब हालात सामान्य हो जाएंगे उसके बाद नामांकन की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर की जाएगी। 

पिछले वर्ष सबसे ज्यादा मिथिला विवि को प्राप्त हुआ था आवेदन 

पिछले वर्ष पूरे बिहार के विश्वविद्यालयों में सबसे ज्यादा छात्रों का आवेदन मिथिला विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ था। इसका कारण यह था कि मिथिला विश्वविद्यालय में समय के साथ स्नातक व पीजी सत्र नियमित रहने के कारण छात्रों का झुकान मिथिला विवि में ज्यादा हुआ था। लेकिन, इस बार देर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने पर कितने छात्र मिथिला व संस्कृत विवि में नामांकन के लिए आवेदन करेंगे यह तो अब सयम ही बताएगा। 

 इस बारे में दरभंगा मिथिला विवि के डीएसडब्ल्यू डॉ. रतन कुमार चौधरी ने कहा कि अभी नामांकन प्रक्रिया शुरू करने से भी कोई फायदा नहीं है। मिथिला विवि के कई कॉलेज ग्रामीण क्षेत्रों में है। लॉकडाउन लागू होने के कारण साइबर कैफे बंद है। इस हालत में छात्रों को ऑनलाइन फॉर्म में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।  

 वहीं दरभंगा सुस्कृत विवि के डॉ. शिवकांत झा ने कहा कि लॉकडाउन के बाद नामांकन की प्रक्रिया को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। उसके बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अभी तो लॉकडाउन के कारण साइबर कैफे भी बंद है। इस हालत में छात्रों को ऑनलाइन फॉर्म भरने में परेशानी होगी। 


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