प्रमाण पत्र के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहे विद्यार्थी, अलग से बने काउंटर
जिले में जेईई मेन की परीक्षा में सफल कुल बच्चों में से करीब 3000 से अधिक छात्र-छात्राएं गरीब और इडब्ल्यूएस कोटि के अंतर्गत आते हैं। इन छात्र-छात्राओं के एडवांस की परीक्षा 27 सितंबर को है।
मुजफ्फरपुर। जिले में जेईई मेन की परीक्षा में सफल कुल बच्चों में से करीब 3000 से अधिक छात्र-छात्राएं गरीब और इडब्ल्यूएस कोटि के अंतर्गत आते हैं। इन छात्र-छात्राओं के एडवांस की परीक्षा 27 सितंबर को है। लेकिन, इन्हें 25 सितंबर तक ही साइट पर इडब्ल्यूएस कोटि का प्रमाणपत्र अपलोड करना है। वह भी प्रमाणपत्र वर्तमान वित्तीय सत्र का होना चाहिए। ऐसी स्थिति में प्रखंड कार्यालयों पर प्रमाणपत्र के लिए विद्यार्थी जा रहे हैं लेकिन, उनकी समस्या को सुनने वाला कोई नहीं। इन्हीं समस्याओं को लेकर जागृत स्नातक मंच के अध्यक्ष सह अधिवक्ता अरुण कुमार शर्मा ने जूरन छपरा स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अंचल कार्यालयों की स्थिति यह है कि विगत चार दिनों से बच्चों का जमावड़ा लगा है और अंचलाधिकरी कभी मुख्यालय में हैं तो कर्मचारी छुट्टी पर। ग्रामसेवक व कर्मचारी का कार्यालय बंद रहता है। सेवा के अधिकार वाले काउंटर पर जाने पर विद्यार्थियों को डांट कर भगा दिया जाता है। साथ ही 15 दिनों में प्रमाणपत्र देने की बात कही जा रही है। तबतक विद्यार्थियों का समय बर्बाद हो जाएगा और वे परीक्षा से भी वंचित हो सकते हैं। बच्चों का बहुमूल्य समय अंचल कार्यालय की दौड़ लगाने में व्यर्थ हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब जान बूझकर सवर्ण गरीब बच्चों के साथ एक साजिश के तहत किया जा रहा है। ऐसे में जिले के वरीय अधिकारियों से उन्होंने मांग की कि इन बच्चों के भविष्य को देखते हुए विशेष काउंटर लगाकर वहां प्रमाणपत्र निर्गत किया जाए, ताकि ससमय विद्यार्थी इसे जमा कर सकें।