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एसकेजे लॉ कॉलेज में बिना पढ़ाई परीक्षा पर भड़के छात्र, किया हंगामा Muzaffarpur News

01 माह परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग। पढ़ाई हुई नहीं तो कैसे दें परीक्षा बढ़े तारीख और बदला जाए सेंटर। कॉलेज प्रबंधन पर छात्रों की अनदेखी का आरोप।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 09:44 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 09:44 PM (IST)
एसकेजे लॉ कॉलेज में बिना पढ़ाई परीक्षा पर भड़के छात्र, किया हंगामा Muzaffarpur News
एसकेजे लॉ कॉलेज में बिना पढ़ाई परीक्षा पर भड़के छात्र, किया हंगामा Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। श्रीकृष्ण जुबली लॉ कॉलेज (एसकेजे), गन्नीपुर में छात्र-छात्राओं के एक धड़े ने सोमवार को हंगामा किया। आक्रोशित छात्र जल्दबाजी में परीक्षा लेने तथा विश्वविद्यालय के परीक्षा भवन में सेंटर पडऩे का विरोध कर रहे थे। ये छात्र परीक्षा भवन के बदले किसी दूसरे कॉलेज में सेंटर की मांग कर रहे थे। इसीलिए एडमिट कार्ड लेने से इन्कार कर रहे थे। दूसरों को भी एडमिट कार्ड नहीं लेने दिया।

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 हालात बिगड़ते देख कॉलेज प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी। काजीमोहम्मदपुर पुलिस के आने पर दो घंटे की मशक्कत व मान-मनौव्वल के बाद छात्रों को एडमिट कार्ड बंटना शुरू हुआ। हालांकि, इस कारण बड़ी तादाद में परीक्षार्थी एडमिट कार्ड लेने से वंचित भी हुए। परीक्षार्थियों ने कुलपति को आपबीती से अवगत कराते हुए हस्तक्षेप की मांग की है।

प्री-लॉ और एलएलबी की परीक्षा कल से

कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक डॉ. एसपी चौधरी ने कहा कि पंचवर्षीय प्री-लॉ पार्ट वन, टू, थ्री, फोर व फाइव की परीक्षा-2019 तथा एलएलबी पार्ट वन, टू व थ्री-2019 की परीक्षा 6 नवंबर से शुरू हो रही है। छठ पूजा बीतते ही कॉलेज प्रशासन ने परीक्षार्थियों को एडमिट कार्ड बांटना शुरू किया, लेकिन छात्रों के हुजूम ने अचानक हंगामा शुरू कर दिया। ये परीक्षार्थी विश्वविद्यालय के परीक्षा भवन में सेंटर होने का विरोध कर रहे थे। पुलिस के आने के बाद वे शांत हुए। इसके बाद एडमिट कार्ड बांटना शुरू किया गया। दोपहर ढाई बजे के बाद परीक्षार्थियों ने एक-एक कर एडमिट कार्ड लेना शुरू किया। वंचित परीक्षार्थियों को मंगलवार को इसे दिया जाएगा। 

सिर्फ हाजिरी बनाने आते थे शिक्षक

इधर, आक्रोशित छात्रों का कहना था कि पढ़ाई हुई नहीं और परीक्षा सिर पर आ गई। सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक छात्रों को कक्षा में रोककर रखा जाता, लेकिन शिक्षक पढ़ा नहीं पाए।  हर आधा घंटे पर एक शिक्षक आते और हाजिरी बनाकर चले जाते। छात्रों का समय इसी में निकल गया। मुश्किल से दो माह पढ़ाई हो पाई है। इस बीच परीक्षा की तिथि घोषित हो गई। बीच में पर्व-त्योहार की छुट्टी थी। परीक्षा के लिए कम से कम महीने भर का और समय मिले। नहीं तो सेंटर बदलकर किसी दूसरे कॉलेज में दिया जाए। आक्रोशित छात्रों ने मौजूदा प्राचार्य को भी निशाने पर लिया। कह रहे थे कि इसके पूर्व प्रभारी प्राचार्य छात्रों की समस्याओं को समझते थे। 

परीक्षा की सूचना से काफी छात्र अनभिज्ञ

पिछले दिनों हुई भारी बारिश व बाढ़ के कारण सीतामढ़ी, पटना, समस्तीपुर, मधुबनी, शिवहर आदि जिलों के छात्र अस्त-व्यस्त हो गए। उनका पठन-पाठन भी प्रभावित हुआ। इसी बीच विश्वविद्यालय ने परीक्षा तिथि घोषित कर दी। सभी छात्र-छात्राओं को इसकी विधिवत सूचना नहीं मिल पाई। विश्वविद्यालय परीक्षा सर्कुलर के मुताबिक कम से कम 15 कार्यदिवस पहले इसकी सूचना मिलनी चाहिए। कॉलेज अपनी नाकामियों का ठीकरा छात्रों के सिर फोडऩा चाहता है। 


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