B. R. Ambedkar Bihar University: अंकपत्र के लिए विवि पहुंचे विद्यार्थियों ने किया हंगामा, परीक्षा विभाग में कर्मियों ने बंद किया काम
B. R. Ambedkar Bihar University सीतामढ़ी बेतिया और पूर्वी चंपारण से पहुंचे छात्र-छात्राओं ने कर्मचारियों पर लगाए आरोप। बोले- विवि में सक्रिय हैं दलाल बिना पैसा लिए काम नहीं करते कर्मचारी। छात्र-छात्राओं की भीड़ से परीक्षा विभाग में अफरातफरी मच गई।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में शनिवार को सुबह करीब 11 बजे कई जिलों से अंकपत्र के लिए 300 से अधिक विद्यार्थी पहुंचे। छात्र-छात्राओं की भीड़ से परीक्षा विभाग में अफरातफरी मच गई। इसी बीच किसी बात को लेकर कर्मचारी और छात्रों में कहासुनी हुई और हाथापाई तक स्थिति पहुंच गई। स्थानीय युवकों ने भी हंगामा किया। इसपर कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया।
सूचना पर पहुंचे प्रोवीसी प्रो.रवींद्र कुमार, कुलसचिव प्रो.रामकृष्ण ठाकुर और प्रॉक्टर प्रो.राकेश कुमार ने विद्यार्थियों को समझाकर शांत कराया। सभी को बाहर निकालकर मुख्य द्वार में बाहर से ताला जड़ दिया। अधिकारियों के जाते ही छात्र उग्र हो गए और ग्रिल तोडऩे का प्रयास किया। काफी देर तक हंगामा के बाद जब परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार पहुंचे और भीतर प्रवेश करना चाहा तो छात्रों ने उन्हें घेर लिया। किसी तरह ताला खोलवाकर वे भीतर पहुंचे। इस बीच छात्र-छात्राओं ने बाहर ग्रिल के सामने आक्रोश जताया।
कॉलेज मांग रहे अंकपत्र, कहा- बिना इसके नहीं भराएंगे फॉर्म
मोतिहारी से आए इंद्रजीत कुमार ने बताया कि तृतीय वर्ष का फॉर्म भरने के लिए कॉलेज अंकपत्र मांग रहा है। इंटरनेट से प्राप्त अंकपत्र पर फॉर्म नहीं भरने दिया जा रहा है। वहीं, विवि पहुंचने पर कहा जाता है कि उसी के आधार पर फॉर्म भरा जाएगा। एमएसकेबी कॉलेज की छात्रा ज्योति ने भी यही शिकायत की। ऐसी ही शिकायतों को लेकर सैंकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं अधिकारी से मिलना चाहती थीं। इसके अलावा प्रोविजनल और डिग्री के लिए भी कई जिले से विद्यार्थी पहुंचे थे।
रिश्वत लेने का लगाया आरोप
सीतामढ़ी, बेतिया व मुजफ्फरपुर के ग्रामीण क्षेत्र से आए कई विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि विवि परिसर में सरेआम दलाल घूमते रहते हैं। कर्मचारी जानबूझकर विद्यार्थियों का काम नहीं करते हैं, क्योंकि दलाल से काम कराने पर उनका भी कमीशन बनता है। कहा कि जिन विद्यार्थियों ने पैसा दे दिया उनका काम तुरंत हो गया और पैसा नहीं देने वाले को एक सप्ताह से दौड़ाया जा रहा है।
अपनी जिम्मेदारी से बच रहे कॉलेज
परीक्षा नियंत्रक डॉ.मनोज कुमार ने कहा कि विवि की ओर से दिशानिर्देश है कि इंटरनेट से डाउनलोड अंकपत्र के आधार पर फॉर्म भरा जा सकता है। साथ ही जिन विद्यार्थियों का रिजल्ट पेंडिंग है उनसे भी अंडरटेकिंग लेकर फॉर्म भरवाना है। इसके बाद भी कई कॉलेजों से शिकायत मिल रही है कि वे विद्यार्थियों को विवि भेज रहे हैं। कॉलेजों को अपने कर्मचारियों के माध्यम से अगर कोई पेंडिंग है तो उसे भेजना है। कॉलेज अपनी जिम्मेदारी पूरी करने से बच रहे हैं। इसका परिणाम है कि विवि में भीड़ हो रही है और प्रतिदिन विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। छात्र-छात्राएं कॉलेज में प्राचार्य से इसकी शिकायत करें और विवि में किसी को भी पैसा नहीं दें।