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Coronavirus effect : सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों की पढ़ाई ठप, बच्चों की पढ़ाई महज खानापूरी

Coronavirus effect न टीवी न बिजली बच्चों के लिए दूरदर्शन पर चलाया जा रहा पढ़ाई कार्यक्रम। ग्रामीण क्षेत्र में नहीं मिल रहा कोई लाभ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 10:30 PM (IST)
Coronavirus effect : सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों की पढ़ाई ठप, बच्चों की पढ़ाई महज खानापूरी
Coronavirus effect : सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों की पढ़ाई ठप, बच्चों की पढ़ाई महज खानापूरी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Coronavirus effect : कोविड-19 में सरकारी स्कूल खुले हुए हैं, लेकिन मार्च से ही विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप है। कुछ शिक्षकों का कहना है कक्षा एक से आठ तक दूरदर्शन पर चलाए जा रहे कार्यक्रम में पांच फीसद बच्चे टीवी देखकर पढ़ लेते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के पास न टीवी है और न सही से बिजली मिलती है। टीईटी शिक्षक संघ गोप गुट के मीडिया प्रभारी शिक्षक विवेक कुमार ने बताया कि टीवी पर बच्चों को पढ़ाई कराना महज खानापूरी है। सरकार के आदेश पर स्कूल खुले हैं। शिक्षकों को स्कूल आने का आदेश है। कुछ शिक्षक प्राचार्य से तालमेल बैठाकर घर पर आराम फरमाते हैं तो कुछ स्कूल में बच्चों को भोजन के लिए चावल बांटने में लगाए गए हैं। वहीं, कुछ कार्यालय, कुछ को चुनाव सेल तो कुछ की हॉस्पिटल में ड्यूटी लगाई गई है। इसके पहले कोविड सेंटरों पर प्रवासी लोगों की देखभाल के लिए लगाया गया था। लेकिन, बच्चों की पढ़ाई कैसे हो इस दिशा में सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

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कोरोना महामारी को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन में स्कूल-कॉलेज मार्च से ही पूर्णरूप से बंद हैं। इसी दौरान सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की वाॢषक परीक्षा भी थी। लॉकडाउन से सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों की परीक्षा नहींं हो सकी। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के आदेशानुसार सभी बच्चों को एक से दूसरे कक्षा में बिना परीक्षा दिए प्रोन्नति दे दी गई। वहीं, शिक्षा विभाग द्वारा लॉकडाउन में घर पर ही रहकर पढ़ाई के लिए बच्चों को टीवी पर दूरदर्शन चैनल से पढ़ाने के लिए सभी कक्षाओं का समय निर्धारित किया गया है।

बच्चों को दूरदर्शन चैनल पर पढ़ाई की जानकारी नहीं

कई बच्चों को टीवी पर दूरदर्शन चैनल के माध्यम से पढ़ाई शुरू करने की जानकारी तक नहीं है। गरीब बच्चों के अभिभावकों को भी किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई। जिला शिक्षा पदाधिकारी अब्दुल सलाम अंसारी ने आदेश आने के बाद इससे सभी स्कूलों के प्राचार्यो को अवगत भी करा दिया। इसके बाद भी सरकारी स्कूलों के बच्चों को कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

नौवीं में नामांकन के लिए नहीं मिल रही टीसी

सरकारी स्कूलों के बच्चों को मध्य विद्यालयों से हाईस्कूल में नामांकन के लिए स्कूल बंद रहने से टीसी नहींं मिल पा रही है। इससे वे हाईस्कूल में नौवीं कक्षा में नामांकन से वंचित हैं। साथ ही सरकार द्वारा बच्चों को घर पर रहकर पढ़ाई करने की कोई उचित व्यवस्था नहींं की गई है। इससे बच्चों को भविष्य की चिंता सता रही है।

हाईस्कूल में हो रहे नामांकन

जिले के 90 फीसद स्कूलों में बाढ़ और बरसात का पानी भरा है। जुलाई से ही उच्च विद्यालयों में नामांकन शुरू हैं। बंदरा प्रखंड के एक हेडमास्टर ने बताया कि उनके यहां जुलाई से अब तक 46 बच्चों का नामांकन नौवीं कक्षा में हो गया। अन्य स्कूल के प्राचार्य ने भी कुछ इसी के आसपास संख्या बताई। वहीं, दूरदर्शन पर आने वाले कार्यक्रम में पढऩे की बात कही। रोहुआ की छात्रा दुर्गा कुमारी ने बताया कि आठवीं से नौवीं कक्षा में बिना परीक्षा के तो चले गए, लेकिन पढ़ाई के मामले में सरकार द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। खुद से बुक पढ़ रही हूं। बेला की पूनम कुमारी ने बताया कि स्कूल बंद होने से पढ़ाई के तीन से चार महीने निकल गए। दूरदर्शन चैनल पर पढ़ाई की कोई जानकारी नहीं है और न ही घर में टीवी है। 


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