बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पैसा लेने का वीडियो बनाने पर छात्र की जमकर पिटाई
बिचौलिये ने प्रोविजनल बनवाने के नाम पर लिए छह सौ रुपये वीडियो डिलीट करवा मोबाइल तोड़ा पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की दी धमकी यह पूरा मामला विश्वविद्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर सीसी कैमरे के सामने घटित हुआ है। छात्र के साथ उसकी बहन भी आई थी।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता । बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परिसर में बिचौलियोंं ने सोमवार को सीतामढ़ी से आए एक छात्र की जमकर पिटाई कर दी। सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज के छात्र रहे भगवान ठाकुर को एक बिचौलिये ने खुद को विश्वविद्यालय का कर्मचारी बताकर छह सौ रुपये प्रमाणपत्र बनवाने के नाम पर ले लिए। भगवान ठाकुर ने पैसा देते समय दलाल का वीडियो बना लिया था। इसकी भनक लगते ही उसने स्थानीय युवकों को बुलाकर वीडियो डिलीट करने को कहा। छात्र ने इन्कार किया तो मोबाइल छीनकर तोड़ दिया और सभी मिलकर उसे पीटने लगे। जमकर पिटाई के बाद बाहर जान से मारने की धमकी दी। यह पूरा मामला विश्वविद्यालय के ग्राउंड फ्लोर पर सीसी कैमरे के सामने घटित हुआ है। छात्र के साथ उसकी बहन भी आई थी।
भगवान ठाकुर ने बताया कि वे सीतामढ़ी में निजी कोचिंग का संचालन करते हैं। उन्होंने छह महीने पूर्व ही प्रोविजनल सर्टिफिकेट के लिए आवेदन दिया था। कई बार आने पर कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि अबतक सर्टिफिकेट नहीं बना है।
इधर, सोमवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे वे विश्वविद्यालय पहुंचे थे। गेट पर ही एक बिचौलिये ने उनसे एक हजार रुपये देने पर कुछ देर में प्रोविजनल सर्टिफिकेट दिलवाने की बात कही। भगवान ने इसके लिए छह सौ रुपये अग्रिम दे दिए और प्रमाणपत्र मिल जाने पर शेष राशि देने की बात कही। पैसा देते समय उन्होंने मोबाइल से वीडियो बना लिया था। इसपर बिचौलियों ने मिलकर उनकी पिटाई कर दी। हालांकि, शोर सुनकर अन्य स्थानीय युवक पहुंचे और पैसा लेने वाले को डांटकर वहां से भगा दिया। भगवान ठाकुर ने बताया कि विवि परिसर स्थित थाने में शिकायत करने गए तो वहां पुलिसकर्मी ने शिकायत लेने से इन्कार कर दिया।
- छात्र के साथ मारपीट की शिकायत नहीं मिली है। थाना पर आकर छात्र ने शिकायत नहीं की है। यदि शिकायत मिलती है तो आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होगी। - श्रीकांत, थानाध्यक्ष, विवि थाना
- किसी छात्र की ओर से इस प्रकार की शिकायत नहीं की गई है। छह महीने से पुरानी पावती होने पर उसे निरस्त करने का प्रावधान है। विवि में कोई भी यदि पैसे की मांग करे तो पैसा नहीं दें। क्योंकि, इसका शुल्क ऑनलाइन ही लिया जाता है। - डॉ.मनोज कुमार, परीक्षा नियंत्रक, बीआरएबीयू