बाल यौन शोषण के विरुद्ध दरभंगा पब्लि्क स्कूल के कदम
मुजफ्फरपुर। बाल यौन शोषण जिस प्रकार स्कूलों में हो रहा है और बच्चे किस मानसिक पीड़ा से ग्रसित हो रहे
मुजफ्फरपुर। बाल यौन शोषण जिस प्रकार स्कूलों में हो रहा है और बच्चे किस मानसिक पीड़ा से ग्रसित हो रहे हैं उसको देखते हुए स्कूलों ने विशेष अभियान चलाया है। इसके तहत शिक्षकों के साथ साथ बच्चों को भी जागरुक किया जा रहा है । बच्चों को संगोष्ठियां तथा परिचर्चा आयोजित कर उनसे कहा गया है कि वह गुड टच और बैड टच की पहचान करें । गुड टच क्या होता है और बैड टच क्या होता है इसको भी समझें और यदि उन्हें आभास होता है कि किसी शिक्षक ने या किसी बच्चे ने उन्हें बैड टच किया है तो तुरंत उसकी सूचना स्कूल प्रबंधन को दें। इस क्रम में एक निजी स्कूल ने आगे बढ़कर कुछ कदम उठाए हैं इससे आशा की जा रही है ऐसे ही प्रयास दूसरे स्कूल भी करेंगे । जिससे कि बाल यौन शोषण का उन्मूलन किया जा सके।
दरभंगा पब्लिक स्कूल ने बाल यौन शोषण के प्रति बहुत ही कठोर रूख अपनाया है। विद्यालय में किसी प्रकार के यौन शोषण को रोकने के लिए कई स्तरों पर प्रयत्न किया गया है। शिक्षकों को यौन शोषण के प्रति सतत् जागरूक रहने का निर्देश है। इसके लिये समय पर बैठक कर उन्हें निर्देश दिया जाता है कि किशोरों के इस तरह के किसी भी शिकायत की अनदेखी नहीं करें।
विशेष कर छात्राओं में चेतना जाग्रत की जाती है कि किसी भी प्रकार के यौन संबंधी गाली को नजर अंदाज किए बगैर इसकी सूचना अविलंब प्रशासन को दें। प्रायार्य द्वारा इसपर कठोर कार्रवाई की जाती है। छात्र-छात्राओं को निर्देश है कि कोई भी शिक्षक बच्चों को किसी भी स्थिति में स्पर्ष नहीं कर सकते है। बसों मे भी शिक्षक-शिक्षिकाएं निगरानी रखती हैं कि किसी भी प्रकार की अभ्रद भाषा या गंदे इशारों का प्रयोग न हो। विद्यालय में शिकायत पेटिका है जिसमें छात्र-छात्रा किसी भी प्रकार के यौन शोषण के प्रयत्न की तुरंत शिकायत कर सकते हैं। प्रत्येक दिन शिकायत पेटिका खोलकर देखा जाता है और किसी भी सूचना पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। विद्यालय में शिक्षक काउंसलर है जिनके पास छात्र अपनी समस्या व्यक्त कर सकते हैं और उनका समाधान पा सकते हैं। विद्यालय परिसर में सै से अधिक सीसीटीवी कैमरा लगे हुए हैं । जिनपर कंट्रोल रूम से निगरानी रखी जाती है। विद्यालय के छात्रों में विशेष आयोजन कर एवं अतिथियों को आमंत्रित कर यौन शोषण के भिन्न रूपों के प्रति जागरूक किया जाता है और इस प्रकार के किसी भी प्रयास को विश्वास के साथ नकारने और विरोध करने की प्ररेणा दी जाती है।