शिवहर में घर-घर जांच और इलाज के दम पर रोकी कोरोना की रफ्तार
कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत हुई तो जिलाधिकारी ने जिले की सभी 53 पंचायतों के अलावा शिवहर शहर के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया। इसमें नर्स आशा एएनएम सेविका सहायिका ग्रामीण चिकित्सक के अलावा वालंटियर मुखिया सरपंच पंच व वार्ड सदस्य शामिल हैं।
शिवहर, [नीरज]। सूबे के सबसे छोटे जिले शिवहर ने कोरोना की लड़ाई में बड़ा काम किया है। प्रशासन की ओर से हर पंचायत में बनाई गई क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के प्रयास से न सिर्फ संक्रमण की रफ्तार रोकने में मदद मिली है, बल्कि जिले की मृत्यु दर एक फीसद से भी कम है। कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत हुई तो जिलाधिकारी ने जिले की सभी 53 पंचायतों के अलावा शिवहर शहर के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया। इसमें नर्स, आशा, एएनएम, सेविका, सहायिका, ग्रामीण चिकित्सक के अलावा वालंटियर, मुखिया, सरपंच, पंच व वार्ड सदस्य शामिल हैं। टीम घर-घर जांच और इलाज करती है।
लॉकडाउन से दो दिन पहले जब सूबे की संक्रमण दर 15.86 फीसद थी, तब जिले की 1.98 फीसद। अभी जिले में संक्रमण दर 1.39 फीसद है, जबकि राज्य में 3.5 फीसद। इतना ही नहीं 24 मई तक जिले में कुल चार हजार 258 संक्रमितों में से महज 15 लोगों की मौत हुई। 3688 स्वस्थ हो चुके हैं। 555 केस एक्टिव रह गए हैं।
अधिक से अधिक जांच पर जोर : जांच में जिला काफी आगे है। साढ़े छह लाख की आबादी वाले जिले में कुल तीन लाख एक हजार 541 लोगों की कोरोना जांच की गई है। यह आंकड़ा तकरीबन 48 फीसद है। इस समय रोजाना तकरीबन डेढ़ हजार जांच की जा रही है।
इस तरह काम करती है टीम
प्रत्येक टीम रोजाना तकरीबन 30 घरों में जांच करती है। टीम घर में कितने सदस्य, बीमार, संक्रमित, संक्रमण से स्वस्थ, टीकाकरण, टीकाकरण से वंचित संबंधी जानकारी एक प्रपत्र में दर्ज करती है। मौके पर जो बीमार मिलता है, उसकी रैपिड एंटीजन जांच के साथ दवा भी दी जाती है। जरूरत पर सैंपल लेकर आटीपीसीआर जांच के लिए भेजा जाता है। इस कारण संक्रमित की आसानी से पहचान हो जाती है। ग्रामीण चिकित्सक होम आइसोलेशन में रहने वालों का रोजाना ऑक्सीजन लेवल, पल्स रेट और तापमान जांचते हैं। इसके अलावा जिलास्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम से रोजाना संक्रमित और स्वस्थ हो चुके लोगों का फीडबैक लिया जाता है। पुरनहिया निवासी अंजली कुमारी कहती हैं कि वह बेहतर इलाज की वजह से स्वस्थ हुईं। जांच से लेकर दवा में कोई दिक्कत नहीं हुई। कुछ इसी तरह की बात शिवहर वार्ड 15 निवासी सुरेश राय और जितेंद्र सिंह आदि कहते हैं। सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह का कहना है कि लोगों का सहयोग इसी तरह जारी रहा तो हम जल्द कोरोना से मुक्ति पा लेंगे। जिलाधिकारी सज्जन राजशेखर का कहना है कि एईएस को लेकर मार्च से ही टीम काम कर रही थी। सर्वे के दौरान ही अप्रैल में एक बच्चे में कोरोना संक्रमण पाया गया था। इसके बाद कोरोना को लेकर कमेटी बना टीम को लगा दिया गया। प्रत्येक टीम रोजाना जिला मुख्यालय को रिपोर्ट देती है। इस आधार पर जिलास्तरीय प्रशासनिक टीम काम करती है।