कोई इनसे सीखे : व्यक्ति एक उपलब्धि अनेक नाम है डा. सुनील, सुर्खियों में यूं ही नहीं, सीतामढ़ी में अनोखा रिकार्ड
Sitamarhi news परिवार नियोजन में सीतामढ़ी रहा अव्वल तो एआरटी केंद्र सीतामढ़ी राष्ट्रीय स्तर पर लगातार नंबर वन 32 बार से ज्यादा डा. सुनील ने खुद और उनकी पत्नी डा. रजनी सिन्हा ने 15 बार तो बेटियों-श्रेया व प्रिया ने भी किए रक्तदान
सीतामढ़ी, जासं। व्यक्ति अपने व्यक्तित्व व उपलब्धियों से दूसरों के लिए नजीर बन जाता है। स्वास्थ्य महकमा में डा. आरके यादव (वर्ष 2018 में सीतामढ़ी को सूबे का पहला कालाजारमुक्त जिला बनाने का श्रेय) के बाद दूसरा नाम डा. सुनील कुमार सिन्हा का आता है, जो अपनी विशिष्ट कार्यशैली के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं।एक व्यक्ति में इतनी खूबियां कि सुनकर आप दंग रह जाएंगे। सीतामढ़ी जिले के गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. सुनील कुमार सिन्हा के नाम कई कीर्तिमान हैं। सामाजिक स्तर पर भी डा. सिन्हा सक्रिय रहते हैं तथा सपरिवार रक्तदान करते रहते हैं। अभी तक वह 32 बार से ज्यादा और उनकी पत्नी डा. रजनी सिन्हा 15 बार से ज्यादा रक्तदान कर चुकी हैं। उनकी दोनों बेटियों श्रेया व प्रिया ने भी रक्तदान किया है।
वर्ष 2021 में 2100 ऑपरेशन का रिकार्ड
वर्ष 2020 में सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन के लिए 1780 ऑपरेशन कराकर डा. सिन्हा तिरहुत प्रमंडल में अव्वल रहे। वर्ष 2021 में 2100 से ज्यादा ऑपरेशन करके फिर रिकार्ड बनाया। इस उपलब्धि के लिए क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं मुजफ्फरपुर समेत जिला स्तर पर डीएम एवं सिविल सर्जन द्वारा पुरस्कृत होते रहे हैं। वर्ष 2021 के लिए 2100 ऑपरेशन का आंकड़ा इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि, पूरा साल दूसरी लहर की भयावहता से जूझता रहा। कुछ महीनों के लिए ऑपरेशन आदि कार्य को स्थगित कर दिया गया था।
वर्ष 2019 में पुरुष नसबंदी में सीतामढ़ी देशभर में अव्वल
वर्ष 2019 में पुरुष नसबंदी में सीतामढ़ी भारतवर्ष में सर्वोच्च स्थान पर रहा। उसमें डाक्टर सिन्हा की महत्वपूर्ण भागीदारी रही। इस दौरान वे परिवार कलयाण के जिला नोडल पदाधिकारी भी थे। डा. सिन्हा एआरटी केंद्र सीतामढ़ी के भी 2018 से नोडल पदाधिकारी हैं और पिछले तीन वर्षों से एआरटी केंद्र सीतामढ़ी राष्ट्रीय स्तर पर नंबर एक पर है। वर्ष 2020 में सर्वाधिक ऑपरेशन के अलावा उन्होंने इसी वर्ष 2020 में सीतामढ़ी को धूमपानमुक्त जिला घोषित करवाने में अहम भूमिका निभाई। वर्ष 2020 एवं 2021 में तंबाकूमुक्त अभियान चलाया और सर्वाधिक चालान काटा।
दूसरी लहर में डाक्टर समेत पत्नी व बेटी भी हो गए कोविड पॉजिटिव
विषम परिस्थितियों से जूझते हुए डा. सिन्हा खुद और उनकी पत्नी डा. रजनी सिन्हा, बेटी श्रेया कोविड संक्रमित हो गए थे। डा.सिन्हा गंभीर रूप से ग्रसित हुए एवं अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। बावजूद अपनी प्रतिबद्धता, जुझारूपन एवं संकल्प के बल पर उन्होंने अपने दायित्व से कभी मुंह नहीं मोड़ा और उपलब्धियां हासिल की।