आश्रय गृह के बाद अब परवरिश योजना का भी होगा सोशल ऑडिट
समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने जारी किया आदेश। एजेंसी को सहयोग करने का सहायक निदेशक को निर्देश। सोशल ऑडिट में बालिका गृह में यौन शोषण का सच आया था सामने।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। राज्य के सभी आश्रय गृहों के सोशल ऑडिट के बाद परवरिश योजना की भी फाइल खंगाली जाएगी। समाज कल्याण विभाग व निदेशक राज कुमार ने इस योजना का भी सोशल ऑडिट करने का आदेश जारी किया है। सभी बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशकों को इस काम में एजेंसी की मदद करने का उन्होंने निर्देश दिया है। परवरिश योजना समाज कल्याण विभाग द्वारा ही संचालित की जाती है।
मालूम हो कि टिस के सोशल ऑडिट में ही राज्य के आश्रय गृहों में यौन शोषण व प्रताड़ऩा का सच लोगों के सामने आया था। मुजफ्फरपुर बालिका गृह में इसका सबसे घृणित रूप सामने आया था। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ कर रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट इसकी मॉनीटरिंग कर रहा है।
केयर इंडिया ने तैयार की रणनीति
जारी आदेश के अनुसार योजना के सोशल ऑडिट के लिए केयर इंडिया ने रणनीति तैयार की है। इसमें योजना के लाभुक व उसके सामाजिक सदस्यों के लिए प्रश्नावली भी तैयार की गई है। एजेंसी के कर्मी व कार्यकर्ता लाभुक, माता-पिता, अभिभावक, सामुदायिक सदस्यों आदि से बात करेंगे।
यह है परवरिश योजना
परवरिश योजना का लाभ वैसे बच्चों को भी मिलता है जिनके माता-पिता एचआइवी या कुष्ठ रोग से पीडि़त हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक बच्चे को एक हजार रुपये प्रतिमाह राशि प्रदान की जाती है।
इस तरह मिलता योजना का लाभ
अनाथ या बेसहारा बच्चे अथवा अनाथ बच्चे जो अपने निकटतम संबंधी या नाते रिश्तेदार के साथ रह रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार जिनका नाम बीपीएल सूची में दर्ज हो। एचआइवी पॉजीटिव, एड्स, कुष्ठ रोग से पीडि़त बच्चे, एचआइवी पॉजीटिव एड्स व कुष्ठ रोग के कारण 40 फीसद तक दिव्यांग माता-पिता की संतान को योजना का लाभ मिलता है।
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