पीएम आवास की धीमी गति 60 पीआरएस का वेतन बंद
लापरवाह पंचायत रोजगार सेवकों से डीडीसी ने स्पष्टीकरण भी मांगा। कहा कि योजना के लाभुकों का प्राथमिकता के आधार पूरा करना है आवास निर्माण।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना व मनरेगा के कार्य में धीमी गति को लेकर करीब 60 पंचायत रोजगार सेवकों (पीआरएस) पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। डीडीसी उज्ज्वल कुमार सिंह ने वेतन बंद करने का आदेश देते हुए स्पष्टीकरण भी मांगा है।
जारी आदेश में डीडीसी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों के आवास का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराना है। वित्तीय वर्ष 2015-14 से 2018-19 तक के वैसे लाभुकों जिन्हें प्रथम किस्त की राशि उपलब्ध हो चुकी है। उनके आवास निर्माण के लिए मनरेगा सॉफ्ट पर मस्टर रॉल जारी कर काम पूरा कराया जाना है। इसके लिए समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गए थे।
इसमें चार जनवरी तक 60 फीसद लाभुकों का मस्टर रॉल जारी कर देने का लक्ष्य दिया गया था। मगर, समीक्षा में पाया गया कि करीब 60 पंचायतों में एक भी योजना पर मस्टर रॉल जारी नहीं किया गया है। साथ ही यहां मानव दिवस का सृजन भी शून्य पाया गया। इसे देखते हुए इन पंचायतों के पीआरएस का वेतन बंद करने का आदेश दिया गया।
आवास सहायकों की संविदा रद होने से कार्य प्रभावित
मांग के समर्थन में लगातार हड़ताल पर रहने के कारण अधिकतर ग्रामीण आवास सहायकों की संविदा रद कर दी गई थी। इस कारण इन पंचायतों में पंचायत रोजगार सेवकों को ही उनकी जिम्मेदारी दी गई। माना जा रहा कि इस कारण से भी प्रधानमंत्री आवास योजना का काम धीमी गति से हो रहा।