बगहा में धान खरीद की धीमी रफ्तार, बिचौलियों को बेचने की मजबूरी
पश्चिम चंपारण के बगहा में कागजों में हुई धान की खरीदारी जिम्मेदार अधिकारी भी नहीं देते ध्यान औने- पौने दामों पर बिचौलियों से बेच दिए। सरकारी योजनाओं में नियम कानूनों की आड़ में बिचौलियों को फायदा पहुंचाया जा रहा।
बगहा पचं, जासं। बगहा में धान की खरीदारी के नाम पर खानापूरी की जारी है। जिसका लाभ बिचौलियों को मिल रहा है। सैकड़ों की संख्या में किसान व्यापार मंडल से लेकर पैक्सों से संपर्क किए। जब खरीदारी नहीं हुई तो विवश होकर औने- पौने दामों पर बिचौलियों से बेच दिए। सरकारी योजनाओं में नियम कानूनों की आड़ में बिचौलियों को फायदा पहुंचाया जा रहा। इसकी जानकारी जिम्मेदारों को भी है। लेकिन, वे भी इस मामले में चुप्पी साधे हैं।
कहते हैं किसान :
सरकारी खरीद की प्रतीक्षा करते काफी देर हो गई। बहुत विलंब से आदेश निर्गत हुआ। उस पर से पैक्स की तरफ से तैयारी नहीं होने का बहाना बनाया गया। थक हार कर यत्र तत्र बिक्री कर किसी तरह गन्ना व गेहूं की खेती के लिए पैसा का उपाय हो सका। -विनोद पांडेय, टड़वलिया
--- एक तो बरसात से बर्बादी, ऊपर से उचित कीमत नहीं मिलना। ऐसे में दरवाजे पर रखा धान खराब हो रहा था। प्रतिदिन दो से तीन किसान आकर उसकी कीमत लगाते थे। सरकारी खरीद के आदेश की प्रतीक्षा करते हुए बिचौलिया के हाथों बेचने की मजबूरी हुई।-रामछबिला यादव, नरईपुर
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अतिवृष्टि से धान की उपज कम हो गई थी । पानी में से छानकर कितनी मुश्किल से उसको काटकर घर लाया गया। इतनी जतन के बाद भी उचित कीमत नहीं मिला । जिम्मेदार अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।-मो. राजा हुसेन, शास्त्रीनगर
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व्यापार मंडल से लेकर विभिन्न पैक्सों से लगातार संपर्क करने के बाद भी जब खरीदारी नहीं हुई तो विवश होकर औने- पौने दामों पर बिचौलियों के हाथ धान बेचना पड़ा । सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों में चलती है।-
रत्नेंद्र नाथ तिवारी, डुमवलिया
-25 में से 24 पैक्सों व व्यापार मंडल के माध्यम से खरीद की जा रही है। अब तक 27 हजार दो सौ 71 ङ्क्षक्वटल धान की खरीद कर ली गई है । -क्षितेंद्र कुमार, बीसीओ, बगहा दो