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एसकेएमसीएच के कोविड वार्ड में ब्लीचिंग पाउडर के गंध से मची अफरातफरी, कर्मी बेहोश

शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे सफाई कर्मचारी ने ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव मानक से ज्यादा मात्रा में कर दी जिसके गंध से कोविड मरीजों की बेचैनी बढ़ गई। इलाज करा रहे अन्य मरीज के स्वजनों ने बताया कि दो स्वजन बेहोश होकर पर फर्श पर गिर पड़े।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 10:36 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 10:36 AM (IST)
एसकेएमसीएच के कोविड वार्ड में ब्लीचिंग पाउडर के गंध से मची अफरातफरी, कर्मी बेहोश
उपाधीक्षक पहुंचे, सफाईकर्मी की लगाई क्लास, रिपोर्ट अधीक्षक को सौंपी।

मुजफ्फरपुर, जासं। एसकेएमसीएच के वार्ड नौ में ब्लीचिंग पाउडर के गंध से अफरातफरी मच गई। इससे मरीज भागने लगे। एक कर्मी बेहोश हो गया। इस वार्ड में कोविड के संदिग्ध मरीज का इलाज चल रहा है। मरीज के स्वजन विश्वनाथ साह ने बताया कि शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे सफाई कर्मचारी ने ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव मानक से ज्यादा मात्रा में कर दी जिसके गंध से कोविड मरीजों की बेचैनी बढ़ गई। इलाज करा रहे अन्य मरीज के स्वजनों ने बताया कि दो स्वजन बेहोश होकर पर फर्श पर गिर पड़े। वार्ड में अफरातफरी मच गई। अधिक संख्या में लोगों को भागते देख राउंड कर रहे उपाधीक्षक डॉ. गोपाल शंकर सहनी जानकारी के बाद वहां आए। सफाईकॢमयों को जमकर फटकार लगाई। छिड़काव स्थल की धुलाई कराया जिसके बाद मरीज और उनके स्वजनों को राहत मिली। दो मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।

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इस तरह से चला मामला

वार्ड की गंदगी की शिकायत मरीज के स्वजन कंट्रोल रूम और अस्पताल प्रशासन से लगातार कर रहे थे। उपाधीक्षक ने पहले सफाईकर्मी को ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव करने का आदेश दिया। उपाधीक्षक ने बताया सफाई की स्थिति दयनीय है। वार्ड के अंदर सफाई नहीं हो रही है। शौचालय में मल बह रहे हंै। सफाईकर्मी की हाजिरी काटी गई है। सभी की रिपोर्ट अधीक्षक और जिला प्रशासन को दी जा रही है। मालूम हो कि एसकेएमसीएच में सफाई पर प्रतिमाह दस लाख से अधिक रुपए खर्च हो रहे हैं। प्रत्येक पाली में प्रत्येक वार्ड में सफाईकर्मी की ड्यूटी आउटसोॄसग के तहत लगाई गई है।

वार्ड व्बॉयज के जिम्मे मरीज की सेवा

एसकेएमसीएच अस्पताल में मरीज के स्वजन को कोविड संक्रमण से बचाने के लिए वार्ड व्बॉयज की तैनाती की गई है. जो मरीज के बेडशीट बदलने, ऑक्सीजन सिलिंडर लाने, मरीज को शौचालय तक पहुंचाने, मरीज को खाना खिलाने का काम करते हैं। वार्ड व्बॉयज भी शाम ढलते ही नदारत हो जाते हैं। 


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