SKMCH: लावारिस नवजात चाइल्ड लाइन के हवाले, यह है पूरा मामला
SKMCH छह नवंबर को किसी ने नवजात बच्ची को छोड़ दिया था एमसीएच के नीचे। एक पखवारे से अस्पताल के कर्मचारी कर रहे थे बच्ची की देखभाल। सभी कानूनी प्रक्रिया पूरा करने के पश्चात मंगलवार की शाम बच्ची को बाल संरक्षण इकाई को सौंप दी गई।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एसकेएमसीएच स्थित एमसीएच के नीचे छह नवंबर को छोड़ी गई नवजात बच्ची मंगलवार की शाम जिला बाल संरक्षण इकाई मुजफ्फरपुर के हवाले कर दी गई। जांच के पश्चात शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने नवजात को स्वस्थ बताया है। मालूम हो कि किसी ने नवजात बच्ची को वहां छोड़ दिया था। अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही ने तत्परता दिखाते हुए नवजात बच्ची की सुरक्षा एवं देखरेख की जिम्मेदारी कर्मचारियों को सौंपी थी। इसके साथ ही इसकी जानकारी जिलाधिकारी को दी थी। सभी कानूनी प्रक्रिया पूरा करने के पश्चात मंगलवार की शाम बच्ची को बाल संरक्षण इकाई को सौंप दी गई।
पल्स पोलियो टीम कोरोना को लेकर भी करेगी जागरूक
जिले में पल्स पोलियो अभियान 29 नवंबर से तीन दिसंबर तक चलेगा। उसके बाद छूटे बच्चों को 5 दिसंबर को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। 844340 घरों में 791605 खुराक पिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। कार्यक्रम में कुल 2149 टीमों एवं 612 सुपरवाइजरों को लगाया जा रहा है। अभियान को सफल बनाने के लिए जागरूकता का काम किया जा रहा है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार पांडेय ने बताया कि अभियान को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। इस अभियान के तहत जहां घरों में बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाएगी वहीं लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने को लेकर जागरूक भी किया जाएगा। डॉ. पांडेय ने बताया कि इस अभियान के तहत सरकार की ओर से निर्धारित कोरोना के तमाम नियमों का पालन किया जाएगा। कार्यक्रम को लेकर जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह व सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह के निर्देशन में घर-घर जाकर टीम अभियान को सफल बनाएगी। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वह अपने 0 से 5 साल के बच्चों को दो बूंद पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं। जिससे विकलांग होने की आशंका को पूरी तरह से खत्म ही किया जा सके।